चीन की अर्थव्यवस्था पर गंभीर संकट(serious crisis ) थम गया विकास

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन में 2009 के बाद से कर्ज के आधार पर ग्रोथ(serious crisis ) की रणनीति पर अमल हो रहा है. इस कारण आज चीनी बैंकिंग तंत्र 264% के कर्ज-जीडीपी अनुपात पर बैठा है. दरअसल, कर्ज आधारित किसी भी ग्रोथ में विकास ही सबसे बड़ी चीज होती है जो सारे चक्र को चलाता है. पिछले दो वर्षों में कोविड के कारण चीन के विकास का पहिया बहुत मंद पड़ गया है. इस साल दूसरी तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 0.4% पर आ गई है. चीन की स्थानीय सरकारों की आमदनी में इस साल 6 लाख करोड़ युआन की कमी आने का अनुमान है.
डूबता रियल एस्टेट सेक्टर
चीन से जो संकेत मिल रहे हैं वो बताते हैं कि चीन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. जून लगातार 10वां महीना है, जब चीन में प्रॉपर्टी की कीमतें गिरी हैं. 1990 के बाद से निजी प्रॉपर्टी मार्केट में यह सबसे लंबी मंदी है. चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रैंड की हालत अत्यंत दयनीय है. कंपनी पर 300 अरब डॉलर से ज्यादा की देनदारी है और उसने कई बॉन्ड का भुगतान करने में पहले ही डिफॉल्ट शुरू कर दिया है.
एवरग्रैंड के 1300 से ज्यादा प्रोजेक्ट हैं. कंपनी की कुल संपत्ति 2 ट्रिलियन युआन है, जो चीन की कुल जीडीपी का 2% है. एवरग्रैंड की यह हालत चीन की पूरी रियल एस्टेट इंडस्ट्री को डुबो रही है. रियल एस्टेट सेक्टर की हिस्सेदारी चीन के जीडीपी में 12% है. इसलिए एवरग्रैंड यदि दिवालिया हुई तो उसका असर पूरे चीन की अर्थव्यवस्था पर होगा.
कोयले की कमी से उत्पादन प्रभावित
चीन कोयले की कमी से बुरी तरह जूझ रहा है. पर्याप्त बिजली ने होने से चीन के औद्योगिक क्षेत्रों में घंटों बिजली जा रही है. इससे चीन का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है. चीन अपनी मैन्युफैक्चरिंग के लिए कच्चा माल दुनिया के कई देशों से लेता है और यदि चीनी उद्योगों ने उत्पादन में कटौती की तो इससे पूरी दुनिया की सप्लाई चेन प्रभावित होगी. लेकिन, साथ ही मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में मंदी चीन में रोजगार से लेकर और कई तरह के संकट पैदा करेगी जो उसकी आर्थिक सेहत से लिए बहुत घातक होंगे.हत से लिए बहुत घातक होंगे.