वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक सिंह ने छोड़ी सपा, भाजपा से बढ़ी नजदीकियां अधिवक्ता हितों और सामाजिक मुद्ददों पर कार्य करते रहेंगे -: आलोक सिंह

बाराबंकी-: समाजवादी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय महासचिव सरदार आलोक सिह एडवोकेट ने सोमवार को समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफा देने का कारण व्यक्तिगत समस्याओं को बताया है। चर्चा है कि सरदार आलोक सिंह अब भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उधर, इस्तीफे की खबर के बाद सपा खेमे में हलचल मच गई है। बताते चलें कि बाराबंकी में जन्में सरदार आलोक सिंह के पिता स्व. बेअन्त सिंह जिले के नामवर वकील थे। वह जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और लखलऊ विश्वविद्यालय के महामंत्री और अध्यक्ष रहे। उन्होंने अपनी राजनीति समाजवादी युवजन सभा से शुरू की। वहीं सरदार आलोक सिंह ने भी अपनी राजनीति की शुरूआत समाजवादी पार्टी से की।
उन्होंने अपने पिताजी के पुराने साथी रहे उ.प्र. के पूर्व महाधिवक्ता वीरेन्द्र भाटिया से वकालत का ककहरा सीखा और उनके बेटे गौरव भाटिया के साथ लखनऊ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। इस दौरान वह वकालत के साथ-साथ राजनीति में काफी सक्रिय हुए और समाजवादी पार्टी से जुड़ गए। सपा सरकार में वह हाई कोर्ट का अपर शाकीय अधिवक्ता के पद पर नामित हुए। श्री सिंह के जनहित एवं सामाजिक सरोकार के मुद्दों में अपनी सक्रिय भागीदारी को देखते हुए समाजवादी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्ण कन्हैया पाल की संस्तुति पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी अधिवक्ता सभा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया। लेकिन उनका धीरे-धीरे पार्टी से मोह भंग होता रहा।
जिसका नतीजा यह रहा कि आखिरकार उन्होंने सपा से खुद को अलग करने की घोषणा कर दी। वहीं सूत्रों की माने तो सरदार आलोक सिंह अपने राजनैतिक गुरू बीरेन्द्र भाटिया के बेटे गौरव भाटिया के निर्देशन पर सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। गौरव भाटिया वर्तमान में भाजपा के वरिष्ठ नेता और भाजपा की मीडिया पैनालिस्ट का अहम किरदार बनकर उभरे। बहरहाल अब देखना होगा कि सरदार आलोक सिंह की राजनीतिक राहें कितनी दूर तक उन्हें ले जाती है। श्री सिंह से जब बातचीत करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि वे अधिवक्ताओं के मध्य सक्रिय रह कर अधिवक्ता हितों के लिए कार्य करते रहेंगे। इसके अतिरिक्त जनहित एवं सामाजिक सरोकार के मुद्दों में अपनी सक्रिय भागीदारी रखेंगे।