
भिंड. क्रिसमस की छुट्टियां आने वाली हैं. इस दौरान लोग पर्यटक स्थलों पर जाना पसंद करते हैं. आगरा, ग्वालियर भी इन जगहों में शामिल हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इन दोनों टूरिस्ट प्लेसेज के पास स्थित भिंड (Bhind) भी पर्यटन के लिहाज से आपका मन मोह लेगा. यहां आपको घूमने और देखने के लिए बहुत कुछ खास है. आइए जानते हैं यहां की खूबसूरत और प्राचीन धरोहरों के बारे में..
1- अटेर किला
भिंड में पर्यटकों के लिए सबसे खास अटेर का किला प्राकृतिक वादियों के बीच स्थित है. इसका निर्माण भदौरिया राजा बदन सिंह, महा सिंह ने 1664-1668 के काल में किया गया था. इनके नाम पर हीइस क्षेत्र को “भदावर” के नाम से जाना जाता है. यह चंबल की गहरी वादियों में स्थित है. इस प्राचीन किले को देखने विदेशी पर्यटक भी पहुंचते हैं.
2- चंबल का बीहड़
जो लोग भिंड या चंबल का नाम सुनते हैं तो उनके दिमाग में सबसे पहली फिल्मों की वो झलक आती है, जिसमें बंदूकों व हथियारों से लैस डाकू घोड़ों पर सवार होकर बीहड़ों से निकलते नजर आते हैं. हालांकि डाकू अब धीरे-धीरे खत्म हो गए हैं, लेकिन चंबल नदी के कटाव से बनाबीहड़ क्षेत्र आज भी मौजूद है. चंबल के इस बीहड़ का महाभारत में भी उल्लेख है, इन्हें देगीरी दुर्ग के नाम से उल्लेखित किया गया है, इन बीहड़ों में बसे गांवों में आज भी सदियों पुरानी प्रतिमाएं और उनके अवशेष मिलते हैं.
3- वनखंडेश्वर मंदिर
भिंड में स्थित वनखंडेश्वर मंदिर को भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है, ऐसा माना जाता है कि इस शिव मंदिर का निर्माण वर्ष 1175 ई. में सम्राट पृथ्वीराज चौहान द्वारा कराया गया था. इस मंदिर में एक लौ प्रज्ज्वलित है, जिसे ‘अखण्ड ज्योति’ या ‘शाश्वत लौ’ कहा जाता है, ऐसा माना जाता है कि सैंकड़ों वर्षों से यह निरंतर प्रज्वलित हो रही है.
4- शहर का गौरी सरोवर और 125 मंदिर
भिंड शहर का हदय स्थल गौरी सरोवर को माना जाता है, यह एक प्राचीन पर्यटन स्थल है. स्वच्छ पानी में पड़ती सूर्य की किरणें इसके सौन्दर्य में चार चांद लगा देती हैं. हाल ही में यहां हुई ड्रेगन बोट स्पर्धा में भी दूर-दूर से लोग यहां पहुंचे थे. इसके अलावा यहां छोटे-बड़े 125 मंदिर हैं, जिनमें से 100 मंदिर भगवान शिव के हैं. इन प्राचीन शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहता है.