लंदन में भारतीय उच्चायोग के पास सुरक्षा (Security )व्यवस्था सख्त

लंदन. ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर बुधवार को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने एक फिर से भारी उत्पात मचाया. हालांकि इस बार लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने वहां सुरक्षा (Security )n व्यवस्था कड़ी कर रखी थी और उच्चायोग के बाहर बैरिकेड्स लगा रखे थे. इस कारण ये प्रदर्शनकारी भारतीय उच्चायोग के पास नहीं पहुंच पाए. पुलिस ने उन्हें उच्चायोग से सुरक्षित दूरी पर सड़क के दूसरी ओर ही रोके रखा. इससे बौखलाए इन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की और सुरक्षाकर्मियों पर स्याही फेंकी.
पिछले दिनों इन प्रदर्शनकारियों ने ऐसे ही उग्र प्रदर्शन के दौरान इंडिया हाउस पर लगे भारतीय ध्वज तिरंगे को नीचे उतार दिया था और इमारत की खिड़कियां तोड़ दी थीं. इसके बाद इन प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को भी ऐसे ही विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी, लेकिन लंदन पुलिस आज पहले से ही इसके लिए तैयार दिखी. यहां 24 बसों में सुरक्षाकर्मियों को लाया गया और साथ ही घुड़सवार पुलिस भी तैनात की गई थी.
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि देर शाम तक, लगभग 2,000 प्रदर्शनकारी घटनास्थल पर पहुंच गए थे. इस दौरान उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की और पानी की बोतलों, स्याही और पाउडर कलर्स से पुलिस को निशाना बनाया. इस बीच भारतीय उच्चायोग की इमारत के ऊपर कर्मियों ने एक बड़ा तिरंगा लहराया.
लंदन में कुछ समूहों द्वारा प्रदर्शन की योजना के मद्देनजर बुधवार को भारतीय उच्चायोग के पास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और बैरिकेड्स लगा दिए गए थे. भारतीय राजधानी दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग और ब्रिटिश उच्चायुक्त के आवास के बाहर से ट्रैफिक बैरिकेड्स को हटाए जाने के बाद लंदन में यह कदम उठाया गया.
बता दें कि खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शन के दौरान लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर फहरा रहे तिरंगे को नीचे उतारने का एक वीडियो सामने आने की घटना सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद भारत ने रविवार रात ब्रिटिश उप उच्चायुक्त को तलब किया था और वहां ‘सुरक्षा व्यवस्था बिल्कुल न होने पर’ पर स्पष्टीकरण मांगा था. उस घटना के बाद से कई अधिकारी वहां गश्त कर रहे हैं और मेट्रोपोलिटन पुलिस के वाहन ‘इंडिया प्लेस’ के बाहर खड़े हैं.
वहीं शीर्ष ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा है कि ब्रिटेन सरकार भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को ‘गंभीरता से’ लेगी. उन्होंने प्रदर्शनकारियों के एक समूह द्वारा अलगाववादी खालिस्तानी झंडे लहराते हुए भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ करने की घटना को ‘अपमानजनक’ और ‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’ करार देते हुए इसकी निंदा भी की थी.