हर घर तिरंगा अभियान में अहम भूमिका निभा रहे मथुरा के साड़ी कारीगर
मथुरा । आजादी (tricolor campaign) के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा (tricolor campaign) अभियान में मथुरा के साड़ी कारीगर भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। यहां की 40 फैक्ट्रियों में इन दिनों तिरंगा झंडा बनाने का काम दिन रात किया जा रहा है।
इस काम में करीब 10 हजार कारीगर लगे हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारी जहां इस अभियान को सफल बनाने में जहां हर संभव प्रयास कर रहे हैं वहीं लोग भी अपने घर पर देश की आन,बान और शान तिरंगा झंडा को लगाने के लिए आतुर नजर आ रहे हैं।
तिरंगा झंडा बनाने के लिए कपड़े की आपूर्ति गुजरात के सूरत व महाराष्ट्र के माले गांव से की गई है। जबकि तिरंगा झंडा तैयार कर देश के हरियाणा,राजस्थान,मध्य प्रदेश, आसाम,दिल्ली,बिहार सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भेजा जा रहा है।
यहां एक फैक्ट्री में प्रतिदिन 200 कारीगर द्वारा करीब 1 लाख झंडे तैयार किए जा रहे हैं। देश आजादी के 75 वर्ष होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। साड़ी फैक्ट्रियों में साड़ी बनाए जाने का काम किया जाता था।
लेकिन इन दिनों में यह काम कुछ कम हो जाता है ऐसे में साड़ी कारखाना में तिरंगा बनाने का काम मिलने से कारीगरों के साथ साथ फैक्ट्री मालिकों को भी संजीवनी मिल गई है।
इस महोत्सव को खास बनाने और देशवासी के मन में देश भक्ति की भावना जागृत करने के लिए केंद्र सरकार ने 11 से 17 अगस्त तक हर घर तिरंगा लगाने के लिए कहा है। जिसके बाद देश भर में तिरंगा झंडा की मांग बढ़ गई है।
मथुरा की करीब 40 साड़ी फैक्ट्रियों में 5 करोड़ तिरंगा झंडा तैयार किए जायेंगे। देश की आन बान शान तिरंगा झंडा को तैयार करने में करीब 10 हजार कारीगर दिन रात एक किए हुए हैं।