अंतराष्ट्रीय

ऋषि सुनक ने देश में आम चुनाव की तारीखकर दी घोषित

लंदन:ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार को आम चुनाव की तारीख 4 जुलाई तय कर दी. इससे सरकार की अपेक्षित हार को लेकर महीनों से जारी अटकलबाजी और निराशाजनक पूर्वानुमान खत्म हो गए. अक्टूबर 2022 में कंजरवेटिव सांसदों द्वारा संसद में सबसे बड़ी पार्टी का नेता नियुक्त किए जाने के बाद 44 साल के ऋषि सुनक पहली बार पार्टी प्रभारी रहते हुए जनता का सामना करेंगे.

सन 2016 में ब्रेक्सिट जनमत संग्रह के बाद से यह तीसरा चुनाव तब होने जा रहा है जब सुनक जीवन-यापन की बढ़ती लागत से प्रभावित वोटरों को लुभाने के लिए बेहतर इकानॉमिक डेटा का लाभ उठाना चाहते हैं.

सन 2022 के अंत में 11 प्रतिशत से अधिक की ऐतिहासिक ऊंचाई से एक वर्ष के भीतर महंगाई को आधा करना पूर्व फाइनेंसर सुनक के पांच प्रमुख संकल्पों में से एक था. यह पिछले साल हो गया और दरें मार्च में लगभग तीन साल के निचले स्तर 2.3 प्रतिशत पर आ गईं. इस पर वित्त मंत्री जेरेमी हंट को घोषणा की कि, “यह इस बात का प्रमाण है कि योजना काम कर रही है.”

किंग चार्ल्स ने संसद भंग करने का अनुरोध स्वीकार किया
बुधवार को ऋषि सुनक ने अपने प्रमुख मंत्रियों को इकट्ठा करने के बाद डाउनिंग स्ट्रीट में जारी किए गए एक बयान में कहा कि उन्होंने राज्य के प्रमुख किंग चार्ल्स III से बात की है और संसद को भंग करने का अनुरोध किया है.

उन्होंने कहा, “किंग चार्ल्स ने यह अनुरोध स्वीकार कर लिया है और हमारे यहां 4 जुलाई को आम चुनाव होगा.” उन्होंने कहा, “अब ब्रिटेन के लिए अपना भविष्य चुनने का समय आ गया है.”

राजनीतिक टिप्पणीकारों ने कहा है कि सुनक मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी से चुनावों में बुरी तरह से पिछड़ रहे हैं. लेकिन आलोचकों का कहना है कि इसका संबंध सरकारी नीति से ज्यादा वैश्विक अर्थव्यवस्था में बदलाव से है. सुनक ने पहले चुनाव की तारीख तय करने के सभी कयासों का खंडन करते हुए केवल इतना कहा था कि वे इस साल की दूसरी छमाही में देश का दौरा करेंगे.

सुनक और उनके प्रमुख अधिकारियों की ओर से बुधवार को उस ताजा चर्चा से इनकार करने के बाद अटकलें फिर से तेज हो गईं, जिसमें कहा गया था कि वह अधिक सकारात्मक आंकड़ों के आधार पर चुनाव कराने वाले थे. जब विदेश सचिव डेविड कैमरून को अल्बानिया की यात्रा से वापस बुलाया गया और रक्षा सचिव ग्रांट शाप्स ने कैबिनेट बैठक में भाग लेने के लिए पूर्वी यूरोप की यात्रा में देरी की तो अफवाहें तेज हो गईं.

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