अंतराष्ट्रीय

नेपाल में सांस की बीमारियों, फेफड़ों के कैंसर, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप रोगियों की संख्या में वृद्धि, प्रदूषित शहरों की सूची में काठमांडू शीर्ष पर

काठमांडू:विश्व में तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण प्रदूषण एक बड़ी समस्या बना हुआ है। इस बीच, सामने आया है कि दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में काठमांडू शीर्ष पर है। आईक्यू एयर ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है।वर्तमान में काठमांडू में हवा में प्रदूषण की सघनता विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 24 घंटे वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश मान द्वारा दी गई अनुशंसित सीमा से 1.9 गुना अधिक है। काठमांडू में वायु प्रदूषण में जारी वृद्धि का असर वहां की विमान सेवाओं पर भी पड़ रहा है।

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रविवार को भी घरेलू उड़ानों पर इसका असर देखा गया। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा (टीआईए) कार्यालय ने जानकारी दी है कि खराब दृश्यता के कारण पोखरा, भरतपुर और तुमलिंगतार सहित अन्य गंतव्यों के लिए उड़ानें बाधित हुईं हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों ने इस स्थिति को बेहद खतरनाक बताया है। उन्होंने यह भी कहा है कि जहरीरी हवा वहां के रहने वालों के लिए ये गंभीर चिंता का विषय है। साथ ही उन्होंने लोगों को मास्क पहनने का सुझाव दिया है ताकि वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सके। वायु प्रदूषण के कारण हाल के वर्षों में नेपाल में सांस की बीमारियों, फेफड़ों के कैंसर, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक के रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है।नेपाल में 2019 में इनडोर और आउटडोर वायु प्रदूषण के कारण 42,000 लोगों की मौत हुई। वहीं, वायु प्रदूषण के कारण होने वाली कुल मौतों में से 19 प्रतिशत 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे थे और 27 प्रतिशत 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग थे।

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