नीलगांव सीतापुर में ‘हरिशंकरी’ पौधों का सामूहिक रोपण, गौ आधारित जीवनशैली को बढ़ावा देने का संकल्प !
सीतापुर -: जनपद सीतापुर के राजकीय पशुधन प्रक्षेत्र, नीलगांव में आज प्रवृद्ध फाउंडेशन, लखनऊ द्वारा आयोजित विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम के अंतर्गत पीपल, बरगद और पाकड़ के पौधों – जिसे पारंपरिक रूप से हरिशंकरी कहा जाता है – का सामूहिक रोपण किया गया। यह कार्यक्रम ‘उत्कर्ष वन श्रृंखला’ के तहत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ गोवंश के लिए पोषणयुक्त और प्रदूषणमुक्त चारागाहों का निर्माण करना है।कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्त ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “गोसंवर्धन केवल गौवंश की रक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि उनके लिए उपयुक्त पर्यावरण और चारागाही संरचना का निर्माण भी इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है। हरिशंकरी जैसे वृक्ष न केवल छाया व पोषण प्रदान करते हैं, बल्कि जैव विविधता और प्राकृतिक कृषि को भी समृद्ध करते हैं।
” उन्होंने प्रवृद्ध फाउंडेशन की इस पहल को सराहनीय बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम प्रकृति और परंपरा के बीच सामंजस्य का प्रतीक है।विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश कृषि संसाधन परिषद के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह ने भाग लिया। उन्होंने कहा, “गोबर और गौ-अपशिष्ट आधारित नवाचार जैव उर्वरकों, जैव ऊर्जा और ग्रामीण जैव उद्योगों के लिए आधार बन सकते हैं। कृषि संसाधन परिषद का प्रयास है कि ऐसी तकनीकों को आगे लाया जाए जो परंपरा, पर्यावरण और विज्ञान को जोड़ते हों।” उन्होंने बताया कि कई जिलों में परिषद द्वारा जैव संसाधन आधारित मॉडल दुग्धशालाएं, बायोगैस संयंत्र और गोमूत्र-गोबर आधारित उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, जो कृषि को रसायनमुक्त बनाने की दिशा में क्रांतिकारी प्रयास हैं।
आयोजन की संयोजन भूमिका प्रवृद्ध फाउंडेशन के निदेशक पी.एस. ओझा ने निभाई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय गोपालक, कृषि विशेषज्ञ, पर्यावरणविद्, फाउंडेशन के प्रतिनिधि व गोसेवक शामिल हुए। वक्ताओं ने इसे केवल वृक्षारोपण नहीं, बल्कि ‘गो, वृक्ष और विकास’ की एकीकृत सोच का वैचारिक आंदोलन बताया।उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग ने इस प्रकार की पहल को ग्राम्य विकास, जैविक कृषि और गो आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में अत्यंत प्रासंगिक बताते हुए प्रदेश भर में ऐसे आयोजनों के माध्यम से जन-जागरूकता और सहभागिता को प्रोत्साहित करने का संकल्प दोहराया।