Regards : दीदी ने सभी भाषाओं में गाकर पूरे देश को एक सुर में पिरोने का किया काम….

मुंबई। Regards : दीदी ने सभी भाषाओं में गाकर पूरे देश को एक सुर में पिरोने का किया काम…. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पहला लता दीनानाथ मंगेशकर। सम्मान पाकर अभिभूत नजर आए। पीएम मोदी ने उषा मंगेशकर, आशा भोंसले, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस सहित अन्य की उपस्थिति में पुरस्कार प्राप्त किया। उन्होंने अपना यह सम्मान देश को समर्पित करते हुए कहा कि आज देश एक भारत- श्रेष्ठ भारत की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है, और लता जी ने सभी भाषाओं में गाकर पूरे देश को एक सुर में पिरोने का काम किया है। इस अवसर पर भावुक पीएम मोदी ने कहा कि लता दीदी से मेरा परिचय करीब चार साढ़े चार दशक पहले सुधीर फड़के जी ने कराया था।
Regards : पाकर अभिभूत हुए पीएम मोदी
तब से उनका अपार स्नेह मेरे जीवन का हिस्सा बन गया। मुझे ये कहते हुए गर्व महसूस होता है कि वो मेरी बड़ी बहन थीं। पीढि़यों को प्रेम और भावना का उपहार देने वाली लता दीदी से मुझे हमेशा बड़ी बहन का प्यार मिलता रहा। मोदी ने भावुक होते हुए कहा कि बहुत वर्षों बाद यह पहला राखी का त्यौहार आएगा, जब लता दीदी नहीं होंगी। उनके नाम से दिया जानेवाला यह पहला सम्मान मैं देश को समर्पित करता हूं। यह सम्मान जन-जन का है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं संगीत जैसे गहन विषय का जानकार तो नहीं हूं, लेकिन सांस्कृतिक बोध से मैं ये महसूस करता हूँ कि संगीत एक साधना भी है, और भावना भी। संगीत आपको राष्ट्रभक्ति और कर्तव्य बोध के शिखर तक पहुंचा सकता है।
Regards : कहा- दीदी ने सभी भाषाओं में गाकर पूरे देश को एक सुर में पिरोने का किया काम
हम सब सौभाग्यशाली है कि हमने संगीत की इस शक्ति लता दीदी के रूप में साक्षात देखा है। हमें अपने आंखों से उनके दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। मुझे गर्व होता है कि लता दीदी मेरी बड़ी बहन थीं। मोदी ने लता मंगेशकर के ही शब्दों को याद करते हुए कहा कि वह कहती थीं कि व्यक्ति अपनी उम्र से नहीं, कार्य से बड़ा होता है।
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उन्होंने संगीत में वह स्थान प्राप्त किया कि लोग उन्हें मां सरस्वती का अवतार मानते थे। प्रधानमंत्री ने लता मंगेशकर के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर की देशभक्ति को याद करते हुए कहा कि मंगेशकर परिवार के प्रेरणा स्रोत दीनानाथ मंगेशकर जी थे, जिन्होंने अंग्रेज वायसराय के सामने वीर सावरकर का लिखा गीत गाया।
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इसलिए देशभक्ति तो दीनानाथ मंगेशकर जी ने अपने परिवार को विरासत में दी है। पीएम ने कहा कि उन्होंने देश की 30 से ज्यादा भाषाओं में हजारों गीत गाये। हिन्दी हो मराठी, संस्कृत हो या दूसरी भारतीय भाषाएं, लताजी का स्वर वैसा ही हर भाषा में घुला हुआ है संस्कृति से लेकर आस्था तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक, लता जी के सुरों के पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। दुनिया में भी वो हमारे भारत की सांस्कृतिक राजदूत थीं।
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इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन करते हुए लता मंगेशकर की छोटी बहन आशा भोसले ने अपने बचपन की एक घटना सुनाते हुए कहा कि एक बार लता दीदी ने हमसे कहा कि जो व्यक्ति माता-पिता के चरण धोकर पीता है, वह बड़ा बनता है। इसलिए एक दिन हम दोनों ने अपने सोते हुए माता-पिता के पैरों पर पानी डालकर उसे पिया। जिसका परिणाम आज सबके सामने है। मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान चौरिटेबल ट्रस्ट ने एक बयान में कहा है कि यह पुरस्कार हर साल उस व्यक्ति को दिया जाएगा जिसने हमारे देश, उसके लोगों और हमारे समाज के लिए पथप्रदर्शक, शानदार और अनुकरणीय योगदान दिया है।