वरुण भाई का साथ देने के लिए हैं तैयार, बड़े भाई राहुल गांधी के सकारात्मक संकेत का इंतजार

भारत जोड़ो यात्रा :राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा लगभग तीन-चौथाई से भी ज्यादा सफर तय कर चुकी है। तीन जनवरी से यह यात्रा अपने शेष सफर को पूरा करने के लिए फिर शुरू हो चुकी है और जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जाकर समाप्त होगी। राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा को मिलने वाला भारी जनसमर्थन कन्याकुमारी से लेकर दिल्ली और दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश में भी बदस्तूर जारी है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा ने जनता में जो हलचल पैदा की है, उसे अगर कांग्रेस अपने अगले कार्यक्रमों के जरिए सरकार के विरोध की राजनीति का स्वर बनाने में कामयाब हुई, तो 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ही विपक्षी एकता और विपक्षी राजनीति की धुरी बनेगी। साथ ही अगर इस यात्रा में राहुल गांधी अपने छोटे भाई (चाचा संजय गांधी के बेटे) वरुण गांधी को भी किसी मोड़ पर साथ जोड़ सके, तो नेहरू इंदिरा का परिवार और विरासत भी एकजुट हो सकेगी। सियासी हल्कों और सोशल मीडिया में यह चर्चा जबर्दस्त तरीके से हो रही है।
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वरुण तैयार, राहुल की हां का इंतजार
इन चर्चाओं के मुताबिक वरुण को इस यात्रा से जोड़ने और राहुल का रुख उनके प्रति नरम करने की कोशिशें पर्दे के पीछे पार्टी और परिवार के कुछ शुभचिंतक कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक वरुण लगभग तैयार हैं लेकिन उन्हें अपने बड़े भाई राहुल गांधी के सकारात्मक संकेत का इंतजार है। जबकि वरुण को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राहुल कह चुके हैं कि यात्रा में जो भी आना चाहे उसका स्वागत है, जहां तक वरुण का सवाल है वह भाजपा में हैं और उन्हें यात्रा में आने से वहां समस्या हो सकती है। वरुण गांधी के सवाल पर कांग्रेस के एक बेहद वरिष्ठ नेता का कहना है कि देर सिर्फ दोनों भाईयों के बीच इस मुद्दे पर संवाद की है, जिस दिन यह हो गया उसी दिन सारी बर्फ पिघल जाएगी। देखना यह है कि पहल कौन करता है। क्या राहुल बड़े भाई का फर्ज निभाते हुए छोटे भाई वरुण को गले लगाने के लिए आगे बढ़ते हैं या फिर वरुण खुद बड़े भाई का साथ देने के लिए कोई कदम उठाते हैं। वैसे अगर राहुल पहल करते हैं तो इससे उनकी बदलती छवि में एक बड़ा सितारा और टंक जाएगा और उन्हें परिवार व उसकी विरासत को जोड़ने का श्रेय मिलेगा।