Re-Exam तभी होगा जब बड़े पैमाने पर हुई हो गड़बड़ी – सुप्रीम कोर्ट ( C.J.I )
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित पेपर लीक और गड़बड़ी से संबंधित मामलों की सुनवाई शुरू हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में जल्दबाजी है और लाखों छात्र इस मामले में नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। विवादों से घिरी नीट-यूजी 2024 (NEET-UG) परीक्षा पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में जल्दबाजी है और लाखों छात्र इस मामले में नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि NEET एग्जाम 5 मई को आयोजित हुआ था। नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई अब तक 25 जिलों में 42 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
- CJI ने NEET कटऑफ के को लेकर किए सवाल
- आज नीट यूजी पर आ सकता है SC का अंतिम फैसला
- 25 जिलों में अब तक 42 आरोपियों की गिरफ्तारी
SC ने टॉप 100 रैंक की मांगी डिटेल
सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा मामले में शीर्ष 100 रैंक जानने की मांग की है। इसके साथ ही यह भी जानना चाहा कि वे किस शहर से आते हैं।
हुड्डा ने IIT मद्रास के डेटा विश्लेषण पर उठाए सवाल
हुड्डा ने कहा, अंकों में वृद्धि के साथ-साथ पेपर लीक की बात भी स्वीकार की गई है। IIT मद्रास द्वारा दिखाया गया बेल कर्व (bell curve) इस बात का कोई संकेत नहीं है कि कोई असामान्यता नहीं है। क्योंकि, डेटा बहुत बड़ा है, जिसे पकड़ा नहीं जा सकता। 23 लाख उम्मीदवारों के इस बड़े डेटा में बारीक भिन्नताएँ नहीं देखी जा सकतीं हैं।
परीक्षा 571 शहरों में आयोजित की गई थी, लेकिन उपलब्ध कराया गया डेटा केवल 17 छात्रों का है। हुड्डा ने कहा, वे क्यों पीछे हट रहे हैं? अगर उन्होंने इसे शीर्ष 100 के लिए आयोजित किया है, तो उन्हें शीर्ष 100 के लिए देना चाहिए, न कि केवल 17 के लिए।
NTA नहीं दे रहा अंकों की बढ़ोतरी पर सफाई
हुड्डा के अनुसार, एनटीए इस बात की पूरी तस्वीर नहीं दे रहा है कि इस साल टॉपर्स की संख्या क्यों बढ़ी है। एनटीए अंकों में बढ़ोतरी के लिए दो कारण बता रहा है। एक उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि और दूसरा पाठ्यक्रम में कमी। इस बात की कोई चर्चा नहीं है कि पाठ्यक्रम में वृद्धि हुई है, जिसे हमने रिकॉर्ड में दर्ज किया है। यदि अधिक नहीं तो कम से कम पत्राचार करें… इसलिए उत्तर पूरी तस्वीर नहीं दे रहा है। मैं बढ़ा हुआ पाठ्यक्रम दिखाऊंगा।
पूरी परीक्षा प्रभावित हुई, ये साबित करें- SC
सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि सीबीआई ने कथित नीट-यूजी पेपर लीक और कदाचार की चल रही जांच के संबंध में दूसरी स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज जांच चल रही है और अगर सीबीआई ने जो बताया है, वह सामने आता है तो इससे जांच प्रभावित होगी।सुप्रीम कोर्ट ने अभ्यर्थियों (याचिकाकर्ताओं) के वकीलों से कहा कि वे यह दिखाएं कि पेपर लीक इतना व्यवस्थित था और इसने पूरी परीक्षा को प्रभावित किया, जिससे पूरी परीक्षा को रद्द कर दिया जाना चाहिए।
131 नीट रीटेस्ट के पक्ष में और 254 इसके खिलाफ
एडवोकेट नरेंद्र हुड्डा ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बेदाग और दागियों को अलग-अलग कर पाना संभव नहीं है। तो चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ‘अगर आप कॉन्सेप्ट के साथ ये साबित कर सकते हैं, तो पूरी परीक्षा जाएगी। मेरे भाई जस्टिस पारदीवाला जानना चाहते हैं कि उन 1 लाख 8 हजार छात्रों में से याचिकाकर्ता कितने हैं?’ केंद्र की ओर से दलील दे रहे सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जितने स्टूडेंट्स ने याचिका लगाई है उनमें से 131 ऐसे हैं जो मेडिकल सीट पा रहे 1.08 लाख बच्चों में नहीं आते और नीट रीटेस्ट की मांग कर रहे हैं। जबकि 254 स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो 1.08 लाख में आ रहे हैं और NEET Re-Test के खिलाफ हैं।
CBI जांच की गोपनीयता पर सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई और कहा कि सीबीआई जांच के विवरण का खुलासा करने से जांच की अखंडता प्रभावित हो सकती है और व्यक्तियों को सावधानी से कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है, जिससे संभावित रूप से जांच में परेशानी आएगी। यह सावधानी संवेदनशील कानूनी मामलों में गोपनीयता बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करती है।
CJI ने NEET कटऑफ के बारे में पूछा
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने श्री हुड्डा से NEET कटऑफ के बारे में पूछा। जवाब देते हुए, नरेंद्र हुड्डा ने स्पष्ट किया कि 164 से अधिक अंक प्राप्त करना उत्तीर्ण होने के बराबर है, जिससे उम्मीदवारों को 50वें पर्सेंटाइल से ऊपर रखा जाता है।
CJI ने NEET लीक पर मांगी स्पष्टता
वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा ने याचिकाकर्ताओं की ओर से दलीलें शुरू कीं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने हुड्डा को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि NEET परीक्षा को रद्द करने के लिए पूरे मामले को प्रभावित करने वाले लीक को प्रदर्शित करने की आवश्यकता है। उन्होंने आरोपों की गंभीरता और व्यापक साक्ष्य की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए आगे की जांच के लिए विशिष्ट विवरण मांगे।
11 जुलाई को भी हुई थी सुनवाई
NTA द्वारा 5 मई को आयोजित NEET UG 2024 के पेपर लीक तथा 4 जून को घोषित नतीजों में टॉपर्स की संख्या, ग्रेस मार्क्स, कट-ऑफ आदि को लेकर उठे सवालों के आधार पर दायर की गई इन याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय में 11 जुलाई को भी सुनवाई हुई थी।पिछली सुनवाई के दौरान CJI ने NTA और केंद्र सरकार द्वारा पेपर लीक और अनियमितताओं पर सबमिट की गई रिपोर्टों पर याचिकाकर्ताओं को अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं सबमिट करने कहा था। इसके साथ ही खण्डपीठ ने इन याचिकाओं पर 18 जुलाई को सुनवाई किए जाने के निर्देश जारी किए थे। नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई अब तक 25 जिलों में 42 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।