main slideअंतराष्ट्रीय

अस्पताल की खिड़की की चौथी मंजिल से गिरे रविल मगनोव

रूस (Ravil Maganov) की लुकऑइल कंपनी के चैयरमेन रविल मगनोव (Ravil Maganov) मृत पाए गए। यहां के सबसे बड़े अस्पताल में भर्ती थे। भर्ती क्या, कैद ही थे। उसी अस्पताल की खिड़की से गिर पड़े। चौथी मंजिल से गिरे इसलिए मौत हो गई। उनकी पार्टी की एक भारी भरकम मीटिंग में जल्द उन्हें फिर से नेता चुने जाने का फैसला होने वाला है।

तानाशाही का यह आलम खत्म होना चाहिए। आखिर नागरिक अधिकारों के लिए इस दुनिया में कोई तो कुछ करे! कोई तो लड़े! वे पहले रूसी उद्योगपति थे, जिन्होंने पुतिन का विरोध किया था। यूक्रेन से युद्ध को उन्होंने मानवता के विरुद्ध बता दिया था। तभी से उनके खिलाफ तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए जा रहे थे।

अंततः मृत पाए गए। … और जो कोई सरकार के खिलाफ बोलने की हिम्मत करता है या सरकारी नीतियों की आलोचना करने की हिमाकत करता है, वह इसी तरह किसी भवन या किसी अस्पताल की खिड़की के नीचे मृत पाया जाता है। रूस में इस तरह की घटनाएं अब बढ़ गई हैं। इस सब को रोकने के लिए ही सोवियत संघ के तत्कालीन राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाच्योव ने लगातार कोशिशें कीं।

दरअसल, लंबे कार्यकाल की सत्ता, शासक को तानाशाह बना देती है। खासकर, उन देशों में जहां लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव नहीं होते। चुनाव के नाम पर कुछ लोग खानापूर्ति करते हैं और मनोनयन हो ज़ाया करता है। सीमित मताधिकार के नाम से इस प्रक्रिया को जाना जाता है। जैसा अंग्रेजों के राज में भारत में होता था। कुछ कुलपति, न्यायाधीश और चाय बागानों के मालिकों को ही मताधिकार हुआ करता था।

रूस के राष्ट्रपति चाहे बोरिस येल्तसिन रहे हों या मौजूदा राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, दोनों ने गोर्बाच्योव के शांति और खुलेपन के प्रयासों को बेरहमी से कुचला। जिस तानाशाही को खत्म करने के लिए गोर्बाच्योव ने अपना पूरा जीवन लगा दिया, उसी तानाशाही का सहारा लेकर येल्तसिन ने राज किया और वही अब पुतिन भी कर रहे हैं।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button