तस्करी कर ले जाए जा रहे थे दुर्लभ पक्षी(birds)

कोलकाता. सीमा सुरक्षा बल ने तस्करी कर ले जाए जा रहे दो पक्षियों (birds) को बताया है. बीएसएफ ने सूचना मिलने के बाद चलाए गए एक तलाशी अभियान में तस्करों से पक्षियों की दो दुर्लभ प्रजातियों को बचाया. बल ने लकड़ी के 2 बक्सों को बरामद किया. इसी बक्से में बौने कैसोवरी पक्षी थे. पक्षियों को कृष्णानगर में वन विभाग को सौंप दिया गया. बता दें पश्चिम बंगाल में भारत के 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट (जीबीबीसी) के दौरान सबसे अधिक प्रजातियां दर्ज की गई हैं. भारत में दर्ज 1,000 से अधिक प्रजातियों में से बंगाल में 493 प्रजातियां हैं.
कैसोवरी पक्षियों को दुनिया में सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है. ये पक्षी मिनटों में ही किसी को जान से मार देने की ताकत रखते हैं. इसी की एक अन्य प्रजाति के पक्षियों को पश्चिम बंगाल में पकड़ा गया है. ये कुछ कम खतरनाक होते हैं. कैसोवरी मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया और पश्चिमी अफ्रीका के वर्षावनों में पाए जाते हैं. शुतुरमुर्ग और ईमू के बाद ये दुनिया के तीसरे सबसे लंबे पक्षी होते हैं. कैसोवरी डायनासोर का वंशज होते हैं. कुछ समय पहले ही सोशल मीडिया पर इनका एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसके बाद से ये खूब चर्चाओं में हैं.
डायनासोर के वंशज माने जाते हैं इस प्रजाति के पक्षी
कैसोवरी की जिस प्रजाति को डायनासोर का वंशज माना जाता है उसका चमकीला नीला सिर, लाल कलगी और काले पंख होते हैं. यह करीब छह फीट तक ऊंचा हो सकता है जबकि इसका वजन 70 किलो तक हो सकता है. इस प्रजाति के कैसोवरी पक्षी अधिकतर पानी के पास रहना पसंद करते हैं और ये अच्छे तैराक भी होते हैं. ये मोटे तौर पर मछलियां ही खाते हैं.
कैसोवरी पक्षी करीब 31 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं. साथ ही ये अपने मजबूत पैरों की मदद से हवा में करीब 7 फीट की ऊंची छलांग तक लगा सकते हैं. इन्हीं तेज पंजों से ये पल भर में किसी का भी काम तमाम कर सकते हैं. इसका हमला इतना जानलेवा होता है कि शरीर में 4-5 इंच का घाव कर सकता है.