रामपुर खदानः बड़े बेरहम हैं ये बालू के सौदागर – जर्जर पुल से फर्राटा भर रहे ओवरलोड बालू भरे ट्रक , यदि जिम्मेदार नहीं चेते तो हो सकता है कभी भी हादसा , मीणा की मनमानी जनता पर पड़ सकती है भारी

बांदा -: जिला प्रशासन की कोशिशों पर दो राज्यों का कुख्यात खनन कारोबारी पानी फेरता नजर आ रहा है। लाख कोशिशों के बावजूद भी मध्यप्रदेश की रामपुर खदान के ओवरलोड बालू के एनआर ट्रकों की निकासी पर रोक नहीं लग पा रही है। रामपुर खदान के बालू भरे ओवरलोड ट्रक योगी सरकार की जीरो टालरेंस की नीति पर पानी फेरते नजर आ रहे है। यूपी की सीमावर्ती राज्य मध्यप्रदेश में स्थिल लाल बालू की खदान का हमेशा से विवादों से नाता रहा है। रामपुर खदान की बालू को अवैध तरीके से यूपी से खींचकर लोडिंग का कार्य किया जाता है। इसी लूटी हुई बालू से रामपुर खदान का संचालन मलहोत्रा एण्ड कंपनी का गुर्गा मीणा व खान के द्वारा अनैतिक तरीके से किया जाता है।
निहालपुर के ग्रामीणों ने बताया कि रामपुर खदान के लोगों के द्वारा दबंगई के बल पर उत्तर प्रदेश के निहालपुर से जबरन बालू खींचकर भारी-भरकम लिफ्टर मशीनांे से खींची जाती है। यही खीचीं हुई बालू को रामपुर खदान से लोड करके गिरवां के अकबरपुर में स्थित जर्जर पुल से रवाना कर दिया जाता है। यहीं से होते हुए यह ओवरलोड बालू भरे ट्रक गिरवां थाने के सामने से बेधड़कगुजर जाते हैं। दबंग खनन कारोबारी मीणा की मनमानी का खेल गिरवां में केन नदी पर स्थित दो राज्यों को जोड़ने वाला पुल कभी भी ढह सकता है। हालाकिं कुछ समय पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी दुर्गा शक्तिनागपाल ने ग्रामीणों की शिकायत के बाद पुल की स्थिति को देखते हुए आवेरलोड बालू के ट्रकों पर रोक लगा दी थी।
लेकिन डीएम के जाते ही सारे आदेश धराशाही हो गये मध्य प्रदेश के बालू भरे लोवरलोड ट्रक पूर्व जिलाधिकारी के आदेशों को दरकिनार करते हुए रात के अंधेरे में निकाले जात है। मध्य प्रदेश के ओवरलोड वाहनों से उत्तर प्रदेश की सड़कों की हालत खस्ता कर दी है। यही वजह से है इन मार्गाे में आये दिन दुर्घटनाओं मं लोग अपनी जान गंवाते रहते हैं। यूपी और एमपी की लाल सोने की लूट के लिए कुख्यात कथित कारोबारी मीणा और उसके कथित सहयोगी जावेद के द्वारा यूपी की निकालपुर में स्थित केन नदी की बालू को लिफ्टर मशीनों के सहारे खींचकर मध्य प्रदेश ले जाने का खेल खुलेआम जारी है।
इतना ही काफी नहीं था कि इस सिंडिकेट में जब से जावेद नामी खनन कारोबारी की इन्ट्री हुई है। तब से बालू की चोरी में चार चांद लग गये हैं। यूपी की बालू को चोरी करके ओवरलोड ट्रकों में भरकर रात के अंधेरे में फिर यूपी से गुजारकर मोटी रकम तैयार की जा रही है। इस कथित खेल में यूपी के निहालपुर में स्थित केन नदी का जलस्तर दिनो दिन गिरता ही जा रहा है।
इसके बाद भी बेखौफ होकर मीणा और जावेद की सरपरस्ती में अवैध खनन का खेल बदस्तूर जारी है। सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश की रामपुर खदान से रोजाना सैकड़ों की संख्या में ओवरलोड बालू भरे ट्रक गिरवां क्षेत्र के अन्तर्गत स्योढ़ा व मटौंध क्षेत्र के अन्तर्गत चिन्हित स्थानों से गुजारे जाते हैं। वहीं जब खनिज अधिकारी राजरंजन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कई बार शिकायते मिलने के बाद खनिज इंसपेक्टर को निहालपुर में जांच के लिए भेजा था।
वहां पर रामपुर खदान मेें यूपी की किसी भी प्रकार से खनन होना नहीं पाया गया। वहीं जब उनसे पूछा गया कि रामपुर खदान के एनआर कितने ट्रकों पर कार्यवाही हुई तो उन्होने बताय कि उनको नहीं पता। वह तिंदवारी में एनआर ट्रकों को चेक करने गये थे। उनके विभाग के अन्य अधिकारी वहां गये थे। लेकिन उनको जानकारी नहीं। वहीं जब इस मामले में एआरटीओ शंकर सिंह जी से बात करने का प्रयास किया गया तो दिन में कई बार काल करने के बाद भी उन्होंने काल रिसीव नहीं की। अधिकारियों की ऐसी कार्यप्रणाली किस ओर इशारा करती है। यह तो समझदार व्यक्ति खुद ही जान सकता है।
लग्जरी गाड़ियों से हो रही अधिकारियों की निगहबानी
बांदा -: रामपुर खदान की ओवरलोड बालू के ट्रकों की निकासी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका तक्कों की रहती है। र्थड क्लस से लेकर हाईप्रोफाइल तक्के खदान से ट्रक निकलते ही एक्टिव हो जाते हैं। सूत्रों के अनुसार बालू और ओवरलोड से ट्रकों से जुड़े विभागों में राज्यकर विभाग, संभागीय परिवहन विभाग, खनिज विभाग सहित प्रशासनिक अधिकारियों की निगहबानी मीणा और हबीब के तक्कों के द्वारा लग्जरी गाड़ियों से की जाती है। अधिकारियों के कार्यालयों से लेकर घर तक रामपुर खदान का तक्कातंत्र हर समय एक्टिव रहता है।
अधिकारी जैसे ही कहीं के लिए निकलते हैं। वैसे ही तक्के पूरी जानकारी अपने आकाओं को देते हैं। जरा भी खतरा होने पर ट्रकों की निकासी को रोक दिया जाता है। फिर जब तक्कों की तरफ से हरी झण्डी मिलती तो ओवरलोड बालू के वाहनों को गिरवां के जर्जर अकबरपुर पुल व मटौंध क्षेत्र से गुजार दिया जाता है। इस अवैध कार्य का सिलसिला पूरी रात चलता रहता है।
एनआर गाड़ियों से हो रहा लाखों का नुकसान
बांदा। रामपुर खदान के एनआर ट्रकों से सरकार को भारी-भरकम राजस्व का नुकसान हो रहा है। इस बात को स्वयं राज्यकर अधिकारी ने कबूला था। उन्होंन बताया कि पिछले माह में लगभग दो सैकड़ा के करीब एनआर गाड़ियों को पकड़ा गया था। लेकिन इसके बावजूद एनआर गाड़ियों की निकासी में रोक लगने से रोजाना सरकारी राजस्व को लाखों का रूपये का चूना लगा रहा है। यदि एनआर गाड़ियां न निकलें तो सरकारी कोष को रोजाना लाखों रूपये का राजस्व प्राप्त होगा।