राजस्थान में टूटा बारिश का रिकॉर्ड

जयपुर । 36 साल (rain record) पहले…कोटा को सबसे बड़ी बाढ़ का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2019 और अब तीन साल बाद भारी बारिश ने शहरवासियों को फिर से 1986 वाली त्रासदी याद दिला दी है। हालात को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें उतारी गईं। उन्होंने रेस्क्यू शुरू किया। लोगों को घरों से बाहर निकाला (rain record) गया।
सरकारी स्कूल में शेल्टर होम बनाकर पहुंचाया गया। पिछले दो से तीन दिनों में बरसात ऐसी तबाही लेकर आई कि 6 हजार से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। 10 से ज्यादा कस्बों में पानी-पानी ही नजर आ रहा है। कापरेन, अंता, सीसवाली, बारां, अकलेरा, अटरु, छबड़ा, रायपुर, पाटन, झालावाड़ सहित कई गांव पानी में डूबे दिखे।
यहां कालीसिंध और पार्वती नदियों की बाढ़ ने और संकट खड़ा कर दिया है। चंबल नदी पहली बार इस तरह उफनी है। अपना किनारा छोड़कर उसका पानी शहर में घुस आया। बेघर हुए लोगों का रेस्क्यू कर शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया। पहली बार कोटा संभाग में बारिश की तबाही का हेलिकॉप्टर से वीडियो भी आया है।
इधर, सरकार ने सभी कलेक्टर्स से रिपोर्ट मांगी है कि किस क्षेत्र में कितने लोग बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं। इन क्षेत्रों में राहत के लिए कलेक्टर्स को अधिकार दिए गए हैं। आपदा राहत के लिए पहले से जारी बजट का कलेक्टर अपने स्तर पर उपयोग कर सकेंगे।