भव्य रूप में पुनर्जीवित राय उमनाथ बली प्रेक्षागृह का लोकार्पण, ग्रीष्मकालीन संगीत कार्यशाला का समापन पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह बोले— भारत की संस्कृति सुरक्षित हाथों में, वर्ष 2047 तक बनेगा विश्वगुरु भारत !
लखनऊ -: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज राजधानी में भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन संगीत एवं कला अभिरुचि कार्यशाला-2025 के समापन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने ऐतिहासिक राय उमनाथ बली प्रेक्षागृह के नवीन रूप में पुनः लोकार्पण कर उसे कलाकारों और रंगकर्मियों को समर्पित किया।जयवीर सिंह ने कहा कि यह प्रेक्षागृह आधुनिक ध्वनि-प्रकाश तकनीकों और सुविधाओं से सुसज्जित कर दिया गया है, जिससे यह आने वाले वर्षों में कला, संगीत, नृत्य और नाटकों का सशक्त मंच बना रहेगा।
उन्होंने इसे प्रदेश के सांस्कृतिक जीवन के लिए एक नया उत्सव बताया और कहा कि राज्य सरकार लोक कलाओं को संजोने और कलाकारों को मंच देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।मंत्री ने भातखण्डे विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक माह की ग्रीष्मकालीन कार्यशाला में 600 प्रतिभागियों की भागीदारी को भारत की सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रतिभाएं भारत की सनातन संस्कृति को अगली पीढ़ियों तक पहुंचा रही हैं। उन्होंने कहा, “एक समय भारत विश्वगुरु था, और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी संस्कृति वैश्विक स्तर पर पुनः गूंज रही है।”जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि प्रदेश साथ ही, शहरी और ग्रामीण कलाकारों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है और वृद्ध कलाकारों को पेंशन भी दी जा रही है।कार्यक्रम में प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन शिविरों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के मौके पर विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो कलाकार राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करेंगे, उन्हें सरकार विशेष सम्मान देगी।
समारोह में भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. माण्डवी सिंह, प्रमुख सचिव आयुष विभाग श्री रंजन कुमार, खाद्य एवं रसद विभाग के प्रमुख सचिव रणवीर प्रसाद, नियोजन विभाग की सचिव शेल्वा कुमारी जे., पद्मश्री लोकगायिका मालिनी अवस्थी, राय उमनाथ बली जी के पौत्र श्री स्वरेश्वर बली, संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष डॉ. जयन्त खोत, बिरजू महाराज कथक संस्थान की अध्यक्ष डॉ. कुमकुम धर, पर्यटन सलाहकार जे. पी. सिंह, कुलसचिव डॉ. सृष्टि धवन, वित्त अधिकारी मनीष कुमार कुशवाहा, शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं और पद्मश्री लेखिका डॉ. विद्या विन्दु सिंह समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।मंत्री ने अंत में कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से प्रेरित आज की युवा पीढ़ी ही भारत को आर्थिक और सांस्कृतिक महाशक्ति बनाएगी और वर्ष 2047 तक देश को पुनः विश्वगुरु के स्थान पर प्रतिष्ठित करेगी।