राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की एंट्री हरियाणा में, मुंडका बॉर्डर पहुंची
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की एंट्री हरियाणा में हो गई है और अब यह यात्रा राजस्थान से निकल कर हरियाणा में एंट्री कर चुकी है. यात्रा हरियाणा के मुंडका बॉर्डर पहुंच चुकी है, जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी मौजूद है. इसके अलावा राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान सहित तमाम बड़े नेता मौजूद है.हरियाणा में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का 3 दिन का पहला फेज शुरू हो गया है। राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर नूंह में भारत जोड़ो यात्रा की फ्लैग सेरेमनी हुई। राजस्थान के CM अशोक गहलोत की अगुवाई में हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान और भूपेंद्र हुड्डा को फ्लैग सौंपा गया।
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इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि आजकल नेताओं और जनता के बीच में खाई बन गई है। यात्रा ने उस खाई को पाटने का काम किया है। यात्रा में शामिल नेता लंबे भाषण नहीं देते, लोगों से मिलते हैं। इस यात्रा ने हिंदुस्तान की राजनीति में काम करने का विजन दिया है।राजस्थान के मुख्यमंत्री अब महीने में एक बार पूरी कैबिनेट के साथ 15 किलोमीटर पैदल जनता के बीच जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सरकार है अब वहां के मुख्यमंत्री, मंत्री सड़कों पर चलेंगे और जनता के बीच जाएंगे।
महंगाई और बेरोजगारी पर राहुल का फोकस
हरियाणा में यात्रा के पहले दिन राहुल गांधी ने अपना भाषण दो बड़े मुद्दों पर फोकस किया। पहला बेरोजगारी और दूसरा महंगाई। उन्होंने कहा कि आज हजारों पढ़े लिखे युवा बेरोजगार हैं। इसकी वजह देश के चार-पांच बड़े उद्योगपति हैं। वह जो भी चाहते हैं उन्हे मिलता है। छोटे व्यापारियों को परे कर दिया है। राहुल ने कहा कि नोट बंदी, जीएसटी पॉलिसी नहीं है यह छोटे व्यापारियों को खत्म करने का व्यापार है। महंगाई पर उन्होंने कहा कि यूपीए की सरकार में चार सौ रुपए का गैस सिलेंडर था अब बारह सौ का हो गया है।
पेट्रोल सौ रुपए हो गया है, जबकि यूपीए में साठ रुपए का मिलता था। अब फिर से वही दौर वापस लाने की जरूरत है। राहुल गांधी ने कहा कि कोई भी ताकत इस यात्रा को रोक नहीं सकती है। यह यात्रा कांग्रेस की नहीं, यह यात्रा हिंदुस्तान के लोगों की है। करोड़ों बेरोजगार युवाओं की यह यात्रा है। पहले दिन राहुल गांधी नूंह जिले में 26 किलोमीटर पैदल चलेंगे।
अब नूंह जिले को समझिए
हरियाणा राज्य के पुराने गुड़गांव में 5 ब्लॉक नूंह, तावडू, नगीना, पुनहाना और फिरोजपुर झिरका शामिल हैं। मेवात (नूंह) के नाम से जाना जाने वाला एक नया जिला 15 ब्लॉकों के अस्तित्व में आया। 1507 वर्ग किमी के क्षेत्र में 443 गांवों और 5 छोटे शहरों में 10.89 लाख लोग रहते हैं यह क्षेत्र हरियाणा के सबसे पिछड़े क्षेत्र में से एक है।
यात्रा का पहला पड़ाव नूंह ही क्यों
हरियाणा में राहुल गांधी की यात्रा का पहला पड़ाव नूंह इसलिए रखा गया है क्यों कि कांग्रेस का मेवात जिले पर हमेशा ही एकाधिकार रहा है। इसकी वजह यह भी है कि पूरा मेवात मुस्लिम बाहुल्य है। यहां के मुस्लिमों को बंटवारे के वक्त पाकिस्तान जाने से महात्मा गांधी ने रोका था। जिसके बाद यहां के मुसलमानों में महात्मा गांधी के प्रति अच्छी विचारधारा है।
हरियाणा में यात्रा के सियासी मायने
हरियाणा में राहुल गांधी की यात्रा के कई सियासी मायने हैं। पहला सूबे में कांग्रेस दो टर्म से सत्ता से दूर रही है। अब इस यात्रा के जरिए राहुल कांग्रेस के गिरते जनाधार को बढ़ाने में संजीवनी की तरह काम करेंगे। इसके साथ ही राहुल की यात्रा से BJP की सत्ता विरोधी लहर को भी हवा मिलेगी। राज्य के नेताओं में चल रही गुटबाजी को भी एकजुटता में तब्दील करने में यात्रा अहम योगदान निभाएगी।7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा 105वें दिन राजस्थान के साथ लगते नूंह (मेवात) जिले में पड़ने वाले मुंडका बॉर्डर के जरिए हरियाणा में प्रवेश कर रही है। हरियाणा में यात्रा का यह पहला फेज है। जिसमें यात्रा 3 दिन में 3 जिलों से होकर गुजर रही है। हर जिले में एक दिन यात्रा का ठहराव होगाराजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा आज अलवर के राजगढ़ में सफर खत्म हो गया है। बुधवार से यात्रा हरियाणा में एंटर होगी। राहुल की यात्रा ने 16 दिन में 485 किलोमीटर की दूरी तय की। यात्रा झालावाड़ के चांवली बॉर्डर से 4 दिसंबर की देर शाम राजस्थान में एंटर हुई थी, 5 दिसंबर सुबह से यात्रा राजस्थान से शुरू हुई थी
नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान खोल रहा हूं
राहुल गांधी ने कहा कि मुझसे BJP के नेताओं ने पूछा कि यात्रा की क्या जरूरत है?। मैंने उनको जवाब दिया कि आपके नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान खोल रहे हैं। जब भी यह लोग इस देश में नफरत फैलाने निकलते हैं तो हमारे विचारधारा के लोग मुहब्बत व प्यार फैलाना शुरू करते हैं। यह नई लड़ाई नहीं है यह लड़ाई हजारों साल पुरानी है।इसमें दो विचारधारा लड़ती आ रही हैं। एक विचार धारा चुने हुए लोगों को फायदा पहुंचाती है। दूसरी विचारधारा जो जनता की आवाज है उसके लिए लड़ाई करती है। यह लड़ाई चलती आ रही है चलती जाएगी।
राहुल बोले मैं तपस्वी नहीं
ठंड में यात्रा में आए लोगों का राहुल गांधी ने धन्यवाद दिया। तपस्वी कहे जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं देश का तपस्वी नहीं हूं। इस देश में मेरे से बड़े करोड़ों तपस्वी सुबह चार बजे उठकर खेतों में काम करते हैं। मैंने कोई बड़ा काम नहीं किया है। इससे बड़ा काम देश के छोटे दुकानदार, किसान और करोड़ों कामगार लोग करते हैं। राहुल ने कहा कि सड़कों पर चलने से बहुत कुछ सीखने को मिला। गाड़ी या हवाई जहाज में बैठकर सीखने को नहीं मिलता है।