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रणनीति के तहत पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन

रायपुर । छत्तीसगढ़ (radical change) में बीजेपी ने जिस रणनीति के तहत पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन (radical change) किया है। वह उस पर भारी पड़ेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता और आबकारी मंत्री कवासी लखमा का तो यही आकलन है। नेता प्रतिपक्ष के पद से कुर्मी समाज के धरमलाल कौशिक को हटाने के बाद उसी समाज के नारायण चंदेल को बिठाया गया है।

भाजपा नेताओं का कहना है कि इस बदलाव से किसी वर्ग के नाराज होने का प्रश्न ही नहीं है।कवासी ने कहा है, भाजपा को तो आदिवासी समाज और साहू लोग निपटा देंगे। उसके लिए हमारी भी जरूरत नहीं है। उन्हें खुद नहीं मालूम कि मैं किधर का हूं। चंदेल के निशाने में बृजमोहन अग्रवाल हैं, उनके निशाने में रमन सिंह हैं।

इनसे कैसे निपटेंगे। अभी धरमलाल कौशिक भी बहुत गुस्से में हैं। अपने ही निपटे हैं। लखमा ने कहा, इनके अपने ही लोग इनको निपटाएंगे। वहां हमारी जरूरत नहीं है। उसी दिन भाजपा ने छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष पद से पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय को हटा दिया। वे आदिवासी समाज से आते हैं।

एक महीने बाद 11 सितम्बर को युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू को भी हटा दिया गया। जिसका सबसे बड़ा विरोध आदिवासी समाज में देखने को मिल रहा है।भाजपा ने अपने स्तर से इस बदलाव को संतुलित करने की कोशिश की है। भाजपा ने आदिवासी वर्ग से आ रहे अध्यक्ष को हटाकर साहू समाज के अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी है। वहीं भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष पद से साहू समाज के अमित साहू को हटाने के बाद आदिवासी समाज के रवि भगत को बिठा दिया है।

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