दिल्ली

नीट के चेयरमैन की नियुक्ति पर सवाल  (नीट )

दिल्ली :राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी NEET  (नीट ) के पेपर लीक के कारण लाखों छात्रों में आक्रोश फैला हुआ है। देश के विभिन्न राज्यों में पेपर लीक के कारण विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। केंद्र सरकार लगातार छात्रों को आश्ववासन दे रही है और राजनीतिक दलों से सियासत न करने को कह रही है। हालांकि, इस बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले को एक नया रुख दे दिया है। दिग्विजय सिंह ने नीट मामले में हिंदू-मुस्लिम विवाद की शुरुआत कर दी है। आइए जानते हैं कि दिग्विजय सिंह ने क्या कहा है।

हिंदू-मुस्लिम की एंट्री
दिग्विजय सिंह ने नीट एग्जाम मामले को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा- ” आज बोलो कहां है जो हिंदुओं के संरक्षण का ठेका लिए हुए थे अब 14 लाख में से कितने मुसलमान होंगे जिन्होंने नीट का एग्जाम दिया होगा 5% 10% बाकी सब तो हिंदू हैं क्या हिंदुओं के साथ ही अन्याय नहीं है, क्या हिंदुओं के बच्चे के साथ अन्याय नहीं है।” बता दें कि दिग्विजय सिंह भोपाल में NEET समेत तमाम घोटालों को लेकर हो रहे कांग्रेस के आंदोलन में शामिल हुए थे।

NTA के चेयरमैन की नियुक्ति पर सवाल
NEET में हुई धांधली पर दिग्विजय सिंह ने NTA के चेयरमैन प्रदीप जोशी की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा “प्रदीप जोशी जब MPPSC अध्यक्ष बने तो यहां परीक्षाओं में गड़बड़ी होनी शुरू हुई, पेपर लीक हुआ, छत्तीसगढ़ गए तो वहां पेपर लीक हुआ। UPSC गए तो वहां शिकायतें आने लगी। अब जोशी NTA चेयरमैन हैं।”

ये सब मिली भगत है- दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी ऐसे ही लोगों को चुनती है जो खाएं, खिलाएं और मनमर्जी से अपना काम करें। HRD मिनिस्टर ने NTA चैयरमैन से कुछ नहीं कहा। आप इस्तीफा मत दीजिए कम से कम उनसे इस्तीफा ले लीजिए, लेकिन मिली भगत है। दिग्विजय ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था तो राज्यपाल भाई महावीर जी ने प्रदीप दोशी जी को योग्यता न होने के बावजूद जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बना दिया। हमने विरोध किया लेकिन केंद्र में बीजेपी सरकार थी अटल जी प्रधानमंत्री थे इसलिए कुछ नहीं हो सका।

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