
29 मार्च 2016 को आयोग ने वीपीडीओ भर्ती का परिणाम भी जारी कर दिया। इतनी जल्दबाजी से भी आयोग की कार्यप्रणाली कटघरे में आ गई थी, क्योंकि 87 हजार उम्मीदवारों की परीक्षा कराना। उनकी आंसर की जारी करने के बाद उस पर आपत्तियां लेना और फिर अंतिम आंसर की के साथ रिजल्ट जारी करने में कम से कम तीन माह का समय लगता है। जिस ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) भर्ती में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष, सचिव, परीक्षा नियंत्रक जेल गए हैं, उसका रिजल्ट आयोग ने महज तीन सप्ताह में जारी कर दिया था। इस परीक्षा में 87 हजार उम्मीदवार शामिल हुए थे। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वीपीडीओ भर्ती की विज्ञप्ति 20 नवंबर 2015 को जारी की थी। इसमें एक लाख 10 हजार उम्मीदवारों ने आवेदन किया था।

आयोग की कार्यप्रणाली कटघरे में आ गई थी
छह मार्च 2016 को आयोग ने प्रदेशभर में विभिन्न केंद्रों पर यह परीक्षा कराई थी। 29 मार्च 2016 को आयोग ने इसका परिणाम भी जारी कर दिया। इतनी जल्दबाजी से भी आयोग की कार्यप्रणाली कटघरे में आ गई थी, क्योंकि 87 हजार उम्मीदवारों की परीक्षा कराना। उनकी आंसर की जारी करने के बाद उस पर आपत्तियां लेना और फिर अंतिम आंसर की के साथ रिजल्ट जारी करने में कम से कम तीन माह का समय लगता है।
आयोग ने महज 23 दिन में रिजल्ट जारी कर दिया था। परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों को यह भी डर है कि कहीं आयोग ने उनका मूल्यांकन किया ही न हो। केवल उन 196 का मूल्यांकन सही तरीके से किया होगा, जिनकी ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की गई थी। यह राज केवल इतिहास के पन्नों में दर्ज है, क्योंकि यह परीक्षा हाईकोर्ट के आदेश पर रद्द हो गई थी। दोबारा वर्ष 2018 में वीपीडीओ भर्ती परीक्षा हुई थी, जिसका रिजल्ट आने के बाद युवाओं को नौकरी भी मिल चुकी है।