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पुलस्त तिवारी एनकाउंटर, पुलिस से 29 अक्टूबर तक आख्या मांगी

लखनऊ। 09 अगस्त 2020 की रात सर्वोदय नगर, लखनऊ निवासी पुलस्त तिवारी के कथित मुठभेड़ को गलत बताते हुए उसकी माँ मंजुला तिवारी द्वारा पुलिसवालों पर एफआईआर के लिए दायर वाद में सीजेएम कोर्ट शिवानन्द ने गाजीपुर थाने से 29 अक्टूबर 2020 तक इस आशय की आख्या मांगी है कि इस मामले में संबंधित थाने पर कोई मुकदमा पंजीकृत है अथवा नहीं। वादिनी की अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर ने बताया कि लखनऊ पुलिस ने दावा किया था कि आशियाना थाना क्षेत्र में देर रात हुई मुठभेड़ में 25 हजार के इनामी बदमाश पुलस्त तिवारी को गिरफ्तार किया है, जिसके दाहिने पैर में गोली लगी. इसके विपरीत पुलस्त के परिवार के अनुसार उस शाम करीब 6.30 बजे दो पुलिस वाले उनके घर आये और वे पुलस्त को अपने साथ ले गए, जिसकी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी हैं। नूतन के अनुसार सीजेएम कोर्ट में वाद की पोषणीयता के संबंध में बहस हुई थी, जिसमे उन्होंने यह कहा था कि पुलिस वालों द्वारा फर्जी मुठभेड़ उनके सरकारी काम का हिस्सा नहीं है, अत: इसमें पूर्व अभियोजन स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है. इस पर कोर्ट ने आदेश किया कि वाद की पोषणीयता तथा 156(3) सीआरपीसी के संबंध में कोई भी आदेश करने के पूर्व थाने से आख्या माँगा जाना जरुरी है. कोर्ट ने वाद की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए 29 अक्टूबर तय किया है।

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