आँख की सुरक्षा करें यह जीवन की अनमोल धरोहर हैं
प्रकृति ने आँखों को नाजुक बनाया है तो उनकी सुरक्षा के भी उपाय किए हैं। नेत्र, नेत्र गुहा या कटोरी के अंदर स्थित रहते हैं। आई बॉल वसीय ऊतकों से सुरक्षित रहती है, ये ऊतक गद्देदार होते हैं। भौहें सिर से आने वाला पसीना, पानी या अन्य आँख में जाने से रोकने के लिए होती हैं।
इसी प्रकार आँख की पलक व पलकों के बाल, धूल-मिट्टी के कण व अन्य कचरे को आँख में जाने से रोकते हैं। ये तेज रोशनी से भी आँख की रक्षा करते हैं। पलकें झपकती हैं तो एक तरह का पदार्थ नेत्र गोलक पर फैल जाता है और गोलक सूखने नहीं पाता। कोर्निया व गोलक की रक्षा के लिए एक पारदर्शी झिल्ली होती है, इसे कंजंकटिवा कहते हैं।
आँख में आँसू बनाने के लिए एक ग्रंथि होती है, जब कोई वस्तु आँख में गिर जाती है तो इन ग्रंथियों से अधिक मात्रा में आँसू निकलते हैं और आँख में गिरी वस्तु को आँख, आँसू के प्रेशर द्वारा बाहर करने का प्रयत्न करती है। अत: अपनी आँखों का विशेष ख्याल रखिए ताकि दुनिया की खूबसूरती आप इनमें बसा सके।