भोपाल । वन (offer) विहार को जू की मान्यता भी मिली इसका विस्तार करने के लिए वन विहार (जू) के डेवलपमेंट का मास्टर प्लान बनाकर जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेजा इसमें जिराफ और जेब्रा को लाने का प्रस्ताव (offer) दिया गया है। मध्यप्रदेश में चीतों के बाद अब जेब्रा-जिराफ भी आएंगे। भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क प्रबंधन ने इसका प्रस्ताव जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेजा है। इसकी पुष्टि वन विहार के एक सीनियर अफसर ने की वन मंत्री ने कहा कि जेब्रा-जिराफ के लिए प्रदेश अनुकूल है। चाहे एक्चेंज हो या पैसे देकर लाने पड़े, हम लाने की कोशिश करेंगे।
वन विहार देश का इकलौता ऐसा नेशनल पार्क है, जो किसी राजधानी के बीचों-बीच में है। 26 जनवरी 1983 को नेशनल पार्क का दर्जा मिला वन विहार बड़े तालाब के पास पहाड़ी और आसपास के 445.21 हेक्टेयर क्षेत्र को मिलाकर बना है। हर साल डेढ़ से दो लाख पर्यटक यहां आते हैं। वन विहार में तीन शेर है। एक सफेद बाघ को मिलाकर कुल 13 बाघ है। इनके अलावा तेंदुए, भालू, हायना, मगर, गौर, पहाड़ी कछुआ, जलीय कछुआ, घड़ियाल, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली सुअर, मोर, सियार, लंगूर, काला हिरण, चौसिंगा, सेही, बारासिंगा, जंगली बिल्ली, चिंकारा और पेंगोलिन जैसे 1600 से ज्यादा जानवर हैं।