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इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में शोध एवं विकास(research and development ) को बढ़ावा

नई दिल्ली. हरियाणा सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2022 जारी कर दी है. इस पॉलिसी का उद्देश्य राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों और उनके पार्ट्स के निर्माण को बढ़ावा देना है. उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अपर मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने एक दिन पहले कहा कि इस नीति के बनने से इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में शोध एवं विकास (research and development ) को बढ़ावा मिलेगा.

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पॉलिसी में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत को कम करने के प्रावधान किए गए हैं. इसमें हाइब्रिड ईवी के खरीदारों को भी प्रोत्साहन मिलेगा.

वाहन निर्माताओं को मिलते हैं कई फायदे
इससे पहले जून में हरियाणा सरकार ने ईवी निर्माताओं को कई वित्तीय प्रोत्साहन की पेशकश करते हुए ईवी नीति 2022 को मंजूरी दी थी. ईवी नीति फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट , राज्य जीएसटी, स्टांप ड्यूटी और रोजगार पैदा करने को लेकर ईवी निर्माताओं को कई वित्तीय प्रोत्साहन देती है.
ये है पॉलिसी का मकसद
पॉलिसी के तरह 20 साल के लिए इलेक्ट्रिक ड्यूटी में छूट के साथ-साथ स्टाम्प ड्यूटी की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाती है. ईवी पॉलिसी का मकसद पर्यावरण की रक्षा करना, कार्बन फुटप्रिंट को कम करना, हरियाणा को ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना, ईवी क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट करना, ईवी वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करना, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना और ईवी टेक्नोलॉजी में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करना है.
लगातार बढ़ रही इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग लगातार बढ़ रही है. पिछले महीने यानी अक्टूबर में ईवी की बिक्री में करीब 185 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इस महीने करीब 1,11,971 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए हैं. इसमें यात्री वाहनों की बिक्री शामिल है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (फाडा) ने बताया था कि पिछले साल इसी महीने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 39,329 इकाई रही थी. इसके अलावा कुल इलेक्ट्रिक पैसेंजर वाहनों की बिक्री पिछले महीने में 178 प्रतिशत उछलकर 3,745 इकाई रही जो एक साल पहले इसी महीने में 1,346 यूनिट थी.

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