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प्रधानमंत्री जी का प्रेरणादायी मार्गदर्शन विकसित भारत-युवा संसद महोत्सव के माध्यम से विकसित भारत के लिए युवाओं की भूमिका को रेखांकित करता : मुख्यमंत्री

लखनऊ :- ( 28 मार्च, 2025) -: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का प्रेरणादायी मार्गदर्शन विकसित भारत-युवा संसद महोत्सव-2025 के माध्यम से विकसित भारत के लिए युवाओं की भूमिका को रेखांकित करता है। युवाओं में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में नेतृत्व का गुण विकसित करने के लिए वर्ष 2019 से ‘युवा संसद’ के इस नए संकल्प को, माय भारत अभियान के माध्यम से आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधान सभा में राज्य स्तरीय विकसित भारत-युवा संसद महोत्सव-2025 के उद्घाटन अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस महोत्सव का आयोजन केन्द्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के तत्वावधान में माय भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत किया जा रहा है। इसके तहत उत्तर प्रदेश की राज्य स्तरीय युवा संसद प्रतियोगिता 28 व 29 मार्च, 2025 को उत्तर प्रदेश विधान सभा भवन में आयोजित की जा रही है। इसका उद्देश्य युवाओं को नीति निर्माण में भागीदारी देने और लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त बनाना है। दो दिवसीय इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के दौरान चयनित प्रतिभागी ‘भारतीय संविधान के 75 वर्ष : अधिकार, कर्तव्य और प्रगति की यात्रा’ तथा ‘संविधान दिवस का 11वां संकल्प : भारत के संवैधानिक
मूल्यों को मजबूत करने की शपथ’ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में नेतृत्व का गुण विकसित करने का दायित्व युवाओं का है। विकसित भारत-युवा संसद महोत्सव इस भाव के साथ आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के 240 युवा देश की सबसे बड़ी राज्य विधायिका में चर्चा का हिस्सा बनने के लिए आये हैं, जो इन युवाओं के लिए गौरव की बात है। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत संवाद है। सकारात्मक भाव में संवेदनशीलता के साथ अपनी बातों को रखें। आपके भाषण में तथ्यों का समावेश हों तथा आचरण शिष्ट हो। युवाओं को अपनी बात प्रभावी ढंग से सही रूप में रखना सीखना चाहिए। यहां से चयनित 03 युवा देश की संसद में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नेतृत्व का गुण विकसित करने के लिए व्यक्ति के आचरण और विचार में समन्वय होना चाहिए। आचार और विचार में समन्वय व्यक्ति को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रेरित करता है। जब दोनों में विषमता होती है तो वह विश्वास का प्रतीक नहीं बन पाता है। युवाओं को आचार-विचार में समन्वय अंतःकरण से करना होगा। व्यक्ति का व्यवहार व उसका आचरण उसके व्यक्तित्व को प्रदर्शित करता है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत ने लोकतंत्र की संसदीय विधा को अपनाया है। इसमें विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका एक-दूसरे के पूरक के रूप में कार्य करती हैं। विधायिका नीतियां व कानून बनाती हैं और उस पर चर्चाएं करती हैं। कार्यपालिका इन नीतियों व कानूनों को लागू कराने का कार्य करती है तथा न्यायपालिका यह सुनिश्चित करती है कि नीतियां व कानून के विरुद्ध कोई कार्य न हो। जब यह तीनों मिलकर कार्य करती हैं, तो सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 26 नवम्बर, 1949 को बाबा साहेब डॉ0 भीमराव आम्बेडकर जी ने संविधान सभा में संविधान का ड्राफ्ट सौंपा था। प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2015 से 26 नवम्बर की तिथि को संविधान दिवस के रूप में मनाने की प्रेरणा हम सभी को दी, ताकि हम सब देशवासी संविधान निर्माताओं के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित कर सकें। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश की पूरी व्यवस्था का संचालन संविधान से होता है। संविधान लोगों को उनके मौलिक अधिकारों व मूल कर्तव्यों दोनों का बोध कराता है।
प्रधानमंत्री जी ने नागरिकों को उनके मूल कर्तव्यों का एहसास दिलाने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में आगामी 25 वर्षां का विजन डॉक्यूमेंट रखा कि वर्ष 2047 में जब देश अपनी आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा हो, तब हमारा देश विकसित भारत हो। विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए हर व्यक्ति को प्रयास करने होंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने हर नागरिक के लिए पंचप्रण का मंत्र दिया है। इस पंचप्रण में विरासत के प्रति सम्मान से लेकर नागरिक कर्तव्यों के पालन की बात कही गयी है। पंचप्रण की आधारशिला को आगे बढ़ाने के लिए युवा शक्ति को हमें जागरूक करना होगा।

सांसद, विधायक बनने के लिए कठिन प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। लोगों की सेवा ही अन्तिम मापदण्ड है। आप लोगों का यहां तक आना प्रशंसनीय है। आप सभी नेतृत्व का गुण विकसित करिए। आपको हर विषय की जानकारी होनी चाहिए। जीवन में कभी शॉर्टकट का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। जीवन को खूब विस्तार दीजिए और फिर उसे सूत्रों में बांधिये। यह चीजें आपके जीवन को आसान कर देंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत में रिश्तों की एक अनुपम श्रृंखला है। रिश्तों को निभाने की हमारी परम्परा दुनिया में अन्यत्र कहीं नहीं दिखती। हम रिश्तों के सम्बोधन से समाज को जानते हैं। जाति, मत, मजहब, भाषा की विविधता के बावजूद हमारे देश में रिश्तों की प्रगाढ़ता हमेशा रही है। बड़ों को सम्मान, छोटों को प्यार देने का यह शिष्टाचार भारत को दुनिया में विशिष्ट बनाता है। हमारे महापुरुषों ने अपने मूल्यों व आदर्शां से समाज को सही दिशा दिखायी है। इसलिए हमें अपने महापुरुषों के प्रति आदर का भाव होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्र की एकता, अखण्डता और सम्प्रभुता के साथ ही हम सबकी सुरक्षा जुड़ी हुई है। राष्ट्र की एकता को बनाए रखने का दायित्व हम सभी का होना चाहिए।
सामाजिक भेदभाव, विभेद ना हो। यह सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि राष्ट्रीय अखण्डता को कोई चुनौती न देने पाये। हमारे लिए जाति, मत, मजहब, क्षेत्र, भाषा से पहले देश सर्वापरि होना चाहिए। जब हम इस भाव के साथ कार्य करते हैं, तब राष्ट्र विकसित होने की प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाता है। इस प्रक्रिया में नागरिकों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन के साथ आगे बढ़ना होगा। हर व्यक्ति को अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा करके दिखाने का प्रयास करना चाहिए। इस भाव के साथ यदि
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 के उपरान्त भारतवासियों की दुनिया में एक नयी पहचान स्थापित हुई है। दुनिया में भारतीयों को सम्मान मिलता है। आज नए भारत में हम सबको जनता-जनार्दन की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है। हमें अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। पहले योग को तवज्जो नहीं दी जाती थी, लेकिन आज दुनिया के 193 देश भारत की इस विरासत से जुड़ते हैं। प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का आगमन विरासत के प्रति सम्मान के भाव को व्यक्त करता है। महाकुम्भ में देश-दुनिया से आये युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अनुशासित भाव से त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। यह नए भारत में नया ट्रेंड देखने को मिला है। हमारी युवा पीढ़ी अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति कर रही है। जिस देश का युवा अपनी विरासत पर गर्व की अनुभूति कर रहा हो, उसे ससम्मान आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हो, उस देश को आगे बढ़ने से कोई ताकत रोक नहीं सकती।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में स्वच्छता और पुलिसकर्मियों के व्यवहार की सभी ने सराहना की है। प्रदेश सरकार ने ट्रेनिंग के माध्यम से स्वच्छताकर्मियों व पुलिसकर्मियों के व्यवहार में परिवर्तन लाने का कार्य किया तथा कार्य के प्रति जवाबदेही तय की। श्रद्धालुओं ने कहा कि पुलिस कार्मिकों का व्यवहार राजा के सिपाही की तरह नहीं, बल्कि लोकतंत्र के सिपाही की तरह था। यह नए भारत के पुलिस कार्मिक का व्यवहार था, जो विकसित भारत बनाना चाहता है। विकसित भारत के लिए एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे भारत की सामूहिक ताकत चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री जी के प्रेरणादायी मार्गदर्शन से विभिन्न विकास एवं जनकल्याणकारी कार्यों को आगे बढ़ाया है। उत्तर प्रदेश आज केन्द्र व राज्य सरकार की 205 विकासपरक योजनाओं का लाभ करोड़ों लाभार्थियों को डी0बी0टी0 के माध्यम प्रदान कर रहा है। लाभार्थियों के बैंक खाते में एक क्लिक में धनराशि अंतरित की जाती है, जिससे गांव, गरीब, किसान, महिला, युवा सहित समाज के विभिन्न वर्गां के पात्र लोग आगे बढ़ रहे हैं। युवाओं को छात्रवृत्ति उनके बैंक खाते में सीधे प्राप्त हो रही है। उत्तर प्रदेश विधान मण्डल में ई-विधान लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। प्रदेश में ई-कैबिनेट होती है। तकनीक का उपयोग जीवन को आसान बनाता है तथा यह भ्रष्टाचार पर प्रहार का भी एक सशक्त माध्यम है। लेकिन तकनीक हमारे हाथ से नियंत्रित होनी चाहिए, हम तकनीक से नियंत्रित न हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम मालिक की भूमिका में नहीं, बल्कि सेवक-कस्टोडियन की भूमिका में हैं। हमारा दायित्व ईमानदारीपूर्वक अपनी जिम्मेदारी निभाने का है। राज्य सरकार ने विगत 08 वर्षों में प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ कार्य किया है। हमने समाज के हर तबके को उसकी जिम्मेदारी के लिए प्रेरित किया है। जिम्मेदारी और जवाबदेही में बेहतर समन्वय करते हुए उत्तर प्रदेश आगे बढ़ा है, जिसके परिणाम सबके सामने हैं। उत्तर प्रदेश वर्ष 2017 से पहले बीमारू राज्य था, लेकिन आज वही उत्तर प्रदेश देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है। किसान खुशहाल हैं। आज भूख से मौतें नहीं, बल्कि 15 करोड़ लोग विगत 05 वर्षों से निःशुल्क राशन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। तकनीक का बेहतर उपयोग करते हुए ई-पॉस मशीन के माध्यम से 80 हजार उचित दर दुकानों की मॉनिटरिंग लखनऊ में बैठे-बैठे की जा रही है।

उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति श्री कुँवर मानवेन्द्र सिंह ने विकसित भारत युवा संसद महोत्सव को सम्बोधित करते हुए कहा कि युवा राष्ट्र की मौलिक शक्ति होते हैं। विकसित भारत युवा संसद एक प्रेरणादायक पहल है, जिसका उद्देश्य युवाओं को देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए प्रेरित करना है। यह कार्यक्रम युवाओं को संसद एवं विधान मण्डलों की कार्यप्रणाली उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह आयोजन प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत-2047 के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
विधान परिषद सभापति ने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हमें शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार, नवाचार, टेक्नोलॉजी, पर्यावरण एवं सामाजिक सशक्तिकरण जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी सशक्त युवा जनसंख्या है। यदि इसे सही दिशा दी जाए तो यह युवा जनसंख्या भारत की सबसे बड़ी शक्ति बन सकती है। स्टार्टअप, डिजिटल इण्डिया, मेक इन इण्डिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहल इस दिशा में कारगर सिद्ध हो रही हैं।

मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में विगत 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश का परसेप्शन बदला है। आज उत्तर प्रदेश के निवासी देश और दुनिया में जहां कहीं भी जाते हैं, वहां गर्व से अपनी पहचान बताते हैं। यह कार्य सबके प्रयास से सम्भव हुआ है, क्योंकि यह देश हम सभी का है। विधानसभा का यह नया स्वरूप भी मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बना है। हाल ही में प्रयागराज महाकुम्भ-2025 का आयोजन सम्पन्न हुआ है, इतने बड़े आयोजन के शिल्पकार मुख्यमंत्री जी हैं। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरीश चन्द्र यादव ने भी अपने विचार व्यक्त किये।