जाति जनगणना पर प्रमोद तिवारी का बयान: मोदी सरकार के निर्णय को जनता की जीत करार दिया !

लखनऊ -: राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने जाति जनगणना को लेकर मोदी सरकार के निर्णय को जनता के लंबे संघर्ष की जीत बताया है। तिवारी ने कहा कि कांग्रेस और इण्डिया गठबंधन ने लगातार सामाजिक संरचना की मजबूती के लिए जाति जनगणना के मुद्दे को हर फोरम पर उठाया और यह मुद्दा अब राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन चुका है।तिवारी ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की जाति जनगणना को लेकर आवाज अब राष्ट्रीय मुद्दा बन गई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अब अपनी नीति और नियत में खोट को दुरुस्त करते हुए जाति जनगणना को केवल घोषणा तक सीमित न रखे।
सरकार को यह बताना चाहिए कि वह जल्द से जल्द कब तक जाति जनगणना की शुरुआत करेगी और इसे कानूनी मान्यता कब प्रदान करेगी।राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा कि मंहगाई, बेरोजगारी और पहलगाम में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर घिरी मोदी सरकार ने जाति जनगणना के मामले में जन आंदोलन के दबाव में कदम उठाया है। तिवारी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब भी कांग्रेस और इण्डिया गठबंधन वंचितों और पिछड़ों को उनका हक दिलाने के लिए इस मुद्दे पर सरकार से जवाबदेही की मांग करता रहा, भाजपा और उसके मंत्री सामाजिक न्याय के मुद्दे पर असंवेदनशील बयान देते आए हैं।
प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने 9 अप्रैल को अहमदाबाद में हुए पार्टी अधिवेशन में जाति जनगणना को लेकर संकल्प प्रस्ताव पारित किया था, और सरकार का यह कदम उस संकल्प की मजबूती को दर्शाता है। उन्होंने सरकार से यह भी कहा कि महिला आरक्षण की घोषणा की तरह जातिगत जनगणना को भी केवल घोषणा तक सीमित न रखें, बल्कि जल्द से जल्द जातिगत जनगणना की शुरुआत की तिथि का ऐलान करें।इसके अलावा, तिवारी ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर सरकार से कठोर कदम उठाने की मांग की और संसद का विशेष सत्र बुलाने का भी सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के पनाहगारों के नापाक इरादों को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए मोदी सरकार को अविलंब कदम उठाना चाहिए।तिवारी ने यह भी कहा कि कानपुर में आतंकी हमले में शहीद शुभम द्विवेदी के परिजनों की शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए।