Power Crisis : प्रदेश में बिजली संकट गहराने की आशंका, देखें पूरी खबर
लखनऊ। Power Crisis : प्रदेश में बिजली संकट गहराने की आशंका, देखें पूरी खबर… विदेशी कोयला न लेने पर केंद्र सरकार के घरेलू कोयले के आवंटन में 30 प्रतिशत कटौती करने संबंधी निर्णय के खिलाफ विद्युत नियामक आयोग का दरवाजा खटखटाया है। आयोग में याचिका दाखिल कर परिषद ने कहा है कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जाए। आयोग से राहत न मिलने पर परिषद, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाने पर विचार कर रहा है। घरेलू कोयले की उपलब्धता में कमी के चलते केंद्र सरकार ने राज्यों से आवश्यकता का 10 प्रतिशत विदेशी कोयला लेने के लिए कहा है।
Power Crisis : उपभोक्ता परिषद ने खटखटाया नियामक आयोग का दरवाजा
केंद्र ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि सात जून तक विदेशी कोयला लेने पर सहमति न जताने वालों के घरेलू कोयले के आवंटित कोटे में 30 प्रतिशत की कटौती कर दी जाएगी। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने केंद्र के निर्णय के खिलाफ सोमवार को नियामक आयोग में याचिका दाखिल की है। वर्मा का कहना है कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना आयोग का संवैधानिक दायित्व है। परिषद अध्यक्ष के मुताबिक केंद्र के निर्णय पर जनहित में अगर रोक न लगाई गई तो उपभोक्ताओं की बिजली महंगी होगी।
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ऐसे में परिषद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने पर भी विचार कर रहा है। विदित हो कि राज्य सरकार, विदेशी कोयला न लेने का पहले ही निर्णय कर चुकी है। कारण है कि घरेलू से लगभग 10 गुणा ज्यादा महंगा विदेशी कोयला होने से प्रति यूनिट एक रुपये बिजली के महंगी होने का अनुमान लगाया है। विदेशी कोयला खरीदने पर लगभग 11 हजार करोड़ रुपये बिजली कंपनियों को चाहिए होंगे।
Power Crisis : केंद्र सरकार के घरेलू कोयले के आवंटन में 30 प्रतिशत कटौती
कोयले में कटौती पर अगस्त में बिजली संकट की आशंकारू वैसे तो आवंटित कोटे का लगभग 30 प्रतिशत कम ही कोयला राज्य के बिजली उत्पादन गृहों को वर्तमान में मिल रहा है। राज्य को जहां प्रतिदिन 17 रैक कोयला मिलना चाहिए वहीं 12 रैक ही मिल रहा है। ऐसे में भले ही नियमानुसार स्टाक नहीं हो पा रहा है लेकिन बिजली का उत्पादन भी प्रभावित नहीं है।
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चूंकि केंद्र सरकार ने 15 जून के बाद 40 प्रतिशत की कटौती करने की बात कही है इसलिए जानकारों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार ने ऐसा किया तो वर्षा के दौरान कोयले के संकट से बिजली का उत्पादन घट सकता है जिससे बिजली का गंभीर संकट पैदा हो सकता है।