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Power Crisis : विदेशी कोयला आधारित उत्पादन यूनिटों के बंद…..

लखनऊ। Power Crisis : विदेशी कोयला आधारित उत्पादन यूनिटों के बंद….. उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में बढ़ते बिजली संकट के पीछे देश में विदेशी कोयला आधारित ज्यादातर उत्पादन यूनिटों के बंद होने को माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि जो यूनिटें चल रही हैं उनमें भी घरेलू कोयले का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। विदेशी कोयला आधारित यूनिटों में घरेलू कोयले के इस्तेमाल से राज्य के बिजली उत्पादन गृहों को पर्याप्त घरेलू कोयला नहीं मिल पा रहा है जिससे बिजली का उत्पादन प्रभावित हो रहा है।

Power Crisis : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जता चुके हैं नाराजगी

परिषद ने निगम की पुरानी यूनिटों के लिए विदेशी कोयला खरीदने पर रोक लगाए जाने की मांग दोहराते हुए कहा कि विदेशी कोयला आधारित यूनिटों के ही पूरी क्षमता पर चलने से काफी हद तक बिजली संकट दूर हो जाएगा। परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि एक तरफ जहां देश में कोयले की कमी न होने की बात कही जा रही है वहीं दूसरी तरफ ऊर्जा निगमों से कहा जा रहा है कि 10 प्रतिशत विदेशी कोयले की खरीद की जाए। देश में लगभग 18,310 मेगावाट क्षमता वाली निजी क्षेत्र की 13 उत्पादन यूनिटें ऐसी हैं जो विदेशी कोयले पर ही डिजाइन हैं। विदेशी कोयला महंगा होने पर ज्यादातर यूनिटें बंद हो गईं। वर्मा के मुताबिक कुछ यूनिटों को अपग्रेड करके घरेलू कोयले पर चलाया गया है।

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पिछले वित्तीय वर्ष में 214 मिलियन टन जबकि उससे पहले 248.54 मिलियन टन कोयला आयात किया गया। विदेशी कोयले की खरीद पर सवाल उठाते हुए वर्मा ने सीबीआई जांच की मांग की है। परिषद अध्यक्ष ने बताया कि पीपीए (पावर परचेज एग्रीमेंट) में 35 से 40 प्रतिशत उत्पादन लागत बढ़ाए जाने के बाद अब विदेशी कोयला आधारित यूनिटों के फिर चलने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ऐसी सभी यूनिटों के लिए विदेशी कोयला आयातित कराकर उन्हें पूरी क्षमता पर चलाने के लिए दबाव बनाए न कि राज्य के उत्पादन निगम की पुरानी मशीनों के लिए विदेशी कोयला खरीदने पर जोर दे।

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उल्लेखनीय है कि राज्य में मांग के मुताबिक बिजली न उपलब्ध होने से गांव से लेकर शहरों तक में घंटों बिजली की कटौती हो रही है। बता दें कघ् िप्रदेश में बिजली कटौती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। भीषण गर्मी और लू के मौसम में प्रदेशवासियों को तय शेड्यूल से बिजली न मिलने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पावर कारपोरेशन को सीएम योगी ने निर्देश दिए थे कि जो कुछ भी करना हो उसे तत्काल करें लेकिन कहीं भी अनावश्यक बिजली की कटौती कतई न की जाए।

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बिजली आपूर्ति के मामले में पावर कारपोरेशन प्रबंधन की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कई क्षेत्रों में रोस्टर के अनुरूप बिजली आपूर्ति न होने की शिकायतों के मद्देनजर सोमवार को लोक भवन में ऊर्जा विभाग की बैठक बुलाई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग व पावर कारपोरेशन सुनिश्चित करे कि गांव हो या शहर, कहीं भी अनावश्यक बिजली कटौती करने के बजाय पहले से तय रोस्टर के अनुसार बिजली की आपूर्ति हो।

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