political crisis : पाकिस्तान में फिर होगा सेना का राज?……
इस्लामाबाद। political crisis : पाकिस्तान में फिर होगा सेना का राज?…… पाकिस्तान में राजनीतिक संकट के बीच आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के बयानों ने हलचल मचा दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर जल्द पाकिस्तान का सियासी विवाद शांत नहीं हुआ तो एक बार फिर से सेना सत्ता अपने हाथ में ले सकती है। इसके पीछे बाजवा के चार बड़े बयान है। जो इमरान की मौजूदा नीतियों के बिलकुल उलट हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर बाजवा अमेरिका के साथ
बाजवा ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर ‘इस्लामाबाद सुरक्षा वार्ता’ में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस बर्बरता कर रहा है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को तुरंत रोका जाना चाहिए। बाजवा ने इसे एक बड़ी त्रासदी करार दिया। कहा कि रूस की वैध सुरक्षा चिंताओं के बावजूद एक छोटे देश के खिलाफ उसकी आक्रामकता को माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने लगातार युद्धविराम और शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान किया है।
हम संघर्ष का स्थायी समाधान खोजने के लिए सभी पक्षों के बीच तत्काल बातचीत का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि हजारों लोग मारे गए, लाखों शरणार्थी बन गए और यूक्रेन का आधा हिस्सा नष्ट हो गया है।
political crisis : कूटनीतिक तौर पर सुलझा सकते हैं भारत-पाक विवाद
बाजवा ने कश्मीर के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी। कहा, अगर भारत इच्छा जताए तो उनका देश कश्मीर समेत विवाद के सभी मुद्दों का बातचीत व कूटनीति के जरिए समाधान निकालने के लिए तैयार है। बाजवा ने कहा, श्खाड़ी क्षेत्र समेत दुनिया का एक-तिहाई हिस्सा किसी न किसी रूप में संघर्ष और युद्ध में शामिल है। ऐसे में यह अहम है कि हम अपने क्षेत्र से युद्ध की लपटों को दूर रखें।श् ये बयान भी इमरान खान के रुख के उलट है। इमरान लगातार कह रहे हैं कि जब तक कश्मीर में अनुच्छेद 370 को दोबारा बहाल नहीं होता तब तक भारत को कई बातचीत नहीं होगी।
political crisis : भारत-चीन सीमा विवाद पर भी रखी बात
आर्मी चीफ ने भारत और चीन विवाद पर भी अपनी बात रखी। कहा कि दोनों देशों को जल्द से जल्द विवाद समाप्त करना चाहिए। इसके लिए बातचीत व कूटनीति का सहारा लेना चाहिए।
अमेरिका से संबंधों पर भी खुलकर रखी बात
जनरल बाजवा ने अमेरिका से पाकिस्तान के रिश्तों पर भी खुलकर अपनी बात रखी। कहा कि पाकिस्तान के अमेरिका के साथ दीर्घ व उत्कृष्ट रणनीतिक संबंध हैं, लेकिन उनका देश गुटबाजी की राजनीति में विश्वास नहीं करता। पाकिस्तान के अपने भागीदारों के साथ द्विपक्षीय संबंध अन्य देशों के साथ संबंधों पर निर्भर नहीं हैं। आर्मी चीफ ने कहा, श्पाकिस्तान के चीन से करीबी रणनीतिक संबंध हैं और यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के प्रति देश की प्रतिबद्धता से जाहिर होता है। दूसरी तरफ, अमेरिका हमारा सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना हुआ है।
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पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल बाजवा के चारों बयान कार्यवाहक प्रधानमंत्री इमरान खान से बिल्कुल अलग हैं। मसलन रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होते ही इमरान खान रूस के दौरे पर चले गए थे। मास्को पहुंचते ही इमरान खान ने हंसते हुए कहा, मैं कितने सही समय आया हूं। मैं बहुत उत्सुक हूं।
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इमरान का ये बयान रूस-यूक्रेन युद्ध से जोड़कर देखा गया, क्योंकि उसी रात रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। इस दौरे पर भी इमरान ने खुलकर रूस के पक्ष में बात रखी थी। कश्मीर के मामले में भी इमरान खान हमेशा से यूनाइटेड नेशंस व अन्य देशों से हस्तक्षेप की बात करते रहे हैं। वहीं, बाजवा ने आपसी बातचीत के जरिए दोनों देशों के विवाद खत्म करने की तरफदारी की।