अब हर माह की 24 तारीख को एफआरयू पर मनाया जाएगा PMSMA DAY
जौनपुर – ( शम्भू 24/04/2022 ) महीने में अब दो बार “प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA DAY ) दिवस” का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन हर माह की 9 व 24 तारीख को होगा, पर इस बार 24 अप्रैल को रविवार का अवकाश होने के कारण 25 अप्रैल को ‘प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक’ के रूप में मनाया जायेगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ लक्ष्मी सिंह ने दी।
सीएमओ ने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए नौ तारीख को जनपद की छह स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन पहले से ही हो रहा है। इससे वंचित गर्भवती के प्रसव पूर्व जाँच के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को महीने में दो दिवस पर आयोजित करने का निर्णय लिया है। अब हर माह की 24 तारीख को जनपद के सभी प्रथम संदर्भन इकाई (एफआरयू) स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों पर ‘प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक’ का आयोजन अप्रैल माह से शुरू किया जाएगा।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ सत्य नारायण हरिश्चंद्र ने बताया कि केंद्र पर नियमित जांच व उच्च जोखिम युक्त गर्भवस्था से चिन्हित लाभार्थी को प्रसव पूर्व जाँच (एएनसी) कर मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। गर्भवती की नियमित नि:शुल्क जांच एवं प्रसव पश्चात उचित देखभाल की सुविधा देने के लिए आयोजन का विस्तार किया जा रहा है। जिले में हर माह की नौ तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित किए जाने वाले पीएमएसएमए दिवस के साथ अब हर माह की 24 तारीख को एफआरयू पर ‘प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक’ को विस्तारित किया गया है।
इन एफ़आरयू में मनेगा पीएमएसएमए दिवस –
डॉ हरिश्चंद्र ने बताया कि इस बार 24 अप्रैल को रविवार के चलते 25 अप्रैल को एफआरयू सीएचसी मड़ियाहूं, बदलापुर, मछलीशहर, केराकत, शाहगंज तथा जिला महिला चिकित्सालय में पीएमएसएमए क्लिनिक-डे मनाया जायेगा।
यह सेवाएँ मिलेंगी निःशुल्क – इस दिवस पर स्वास्थ्य इकाइयों पर समस्त गर्भवती की प्रसव पूर्व जाँचे (एएनसी) जैसे हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन जांच, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफ़लिस, वजन, ब्लड प्रेशर एवं अन्य जाँचों की निःशुल्क सुविधा मौजूद है। इसके साथ ही टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका, आयरन, कैल्शियम एवं आवश्यक दवाएं मुफ्त दी जाएंगी। एचआरपी युक्त महिलाओं की पहचान, प्रबंधन एवं सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके अलावा पोषण, परिवार नियोजन तथा प्रसव स्थान के चयन के लिए परामर्श भी दिया जाएगा।