PM मोदी देंगे कोसी रेल मेगा ब्रिज का तोहफा, खत्म होगा नौ दशक का इंतजार …
पटना। प्रधानमंत्री मोदी आज बिहार को रेलवे की आधरभूत संरचना में सुधार की बड़ी सौगातें देने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री शुक्रवार को कोसी रेल मेगा ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। इस ब्रिज के चालू होने के साथ करीब नौ दशक बाद कोसी व मिथिलांचल आपस में रेल मार्ग से जुड़ेंगे। नेपाल सीमा के पास स्थित इस ब्रिज का रणनीतिक महत्व भी है। कोरोना संक्रमण के काल के दौरान इसके निर्माण में प्रवासी मजदूरों ने भी अपना योगदान दिया है। इस इसके अलावा प्रधानमंत्री रेलवे से संबंधित 12 अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। बिहार को पांच नई ट्रेनों की सौगात भी देेंगे।
प्रधानमंत्री की रैली को लाइव देखने के लिए किए गए खास इंतजाम। कार्यक्रम स्थलों पर लगाए गए हैं बड़े-बड़े एलईडी टीवी सेट्स। वेबसाइट http://pmevents.ncog.gov.in पर भी लाइव सुने जाएंगे पीएम मोदी।
चुनाव की घोषणा के पहले प्रधानमंत्री का चौथा कार्यक्रम
बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा के पहले यह प्रधानमंत्री का चौथा उद्घाटन व शिलान्यास कार्यक्रम है। इस वर्चुअल कार्यक्रम में दिल्ली से प्रधानमंत्री के साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल भी जुड़ेंगे। कार्यक्रम में पटना से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी जुड़ेंगे।
कोसी नदी पर रेल मेगा ब्रिज का उद्घाटन सबसे अहम
प्रधानमंत्री के आज के कार्यक्रम में कोसी नदी पर मेगा ब्रिज का उद्घाटन सबसे अहम होगा। इसके माध्यम से कोसी और मिथिलांचल एक-दूसरे से रेलवे के नेटवर्क के माध्यम से जुड़ेंगे। मेगा ब्रिज पर ट्रेनों का परिचालन शुरू होते ही निर्मली से सरायगढ़ की दूरी घटकर केवल 22 किलोमीटर रह जाएगी। कोसी क्षेत्र में निर्मली और भापटियाही के बीच कभी मीटर गेज रेल ट्रैक था, लेकिन 1934 में बाढ़ व भूकंप में यह तबाह हो गया था। उसके बाद कोसी नदी के अभिशाप के कारण यहां रेल मार्ग के पुनर्निर्माण का काम लंबे समय तक शुरू नहीं किया गया। करीब 516 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित करीब दो किलोमीटर लंबे इस मेगा ब्रिज का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। केंद्र सरकार ने इसे 2003-04 में हरी झंडी दी और जून, 2003 में इसका निर्माण शुरू हो गया था।
आज साकार होने जा रहा लोगों का 86 साल पुराना सपना
इसके उद्घाटन के साथ निर्मली से सरायगढ़ जाने के लिए दरभंगा-समस्तीपुर-खगडि़या-मानसी-सहरसा होते हुए 298 किमी की दूरी तय करने की मजबूरी समाप्त हो जाएगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि इस रेल मेगा ब्रिज के उद्घाटन के साथ क्षेत्र के लोगों की लंबी प्रतीक्षा का अंत हो जाएगा। साथ ही 86 साल पुराना उनका सपना भी साकार होगा।
12 अन्य रेल परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे पीएम
इसके अलावा प्रधानमंत्री 12 अन्य रेल परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। इनमें किउल नदी पर एक रेल ब्रिज, दो नई रेल लाइनें, पांच विद्युतीकरण से संबंधित परियोजनांए, एक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव शेड और बाढ़ व बख्तियारपुर में तीसरी रेल लाइन परियोजना भी शामिल हैं।
सहरसा-असनपुर कुपहा रेल सेवा को दिखाएंगे हरी झंडी
प्रधानमंत्री सहरसा-असनपुर कुपहा रेल सेवा को सुपौल स्टेशन से हरी झंडी दिखाएंगे। इसके साथ सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों की यात्रा आसान हो जाएगी। वहां से कोलकाता, दिल्ली और मुंबई जैसे महानगारों के लिए लंबी दूरी की सात्रा में भी आसानी हो जाएगी।
हाजीपुर-वैशाली-सुगौली नई रेल लाइन का उद्घाटन
प्रधानमंत्री हाजीपुर से वैशाली आने-जाने वालो की सुविधा के लिए हाजीपुर-वैशाली-सुगौली नई रेल लाइन का उद्घाटन करेंगे। पूर्व-मध्य रेलवे की इस योजना के तहत हाजीपुर से वैशाली तक रेल लाइन के साथ ही पांच रेलवे स्टेशन भी बन कर तैयार हैं।
इस्लामपुर-तिलैया नई रेल लाइन पर ट्रेनों का परिचालन
इस्लामपुर-तिलैया नई रेल लाइन पर ट्रेनों का परिचालन भी शुरू किया जाएगा। पूर्व-मध्य रेलवे के दानापुर मंडल के अंतर्गत इस्लामपुर-नटेसर के बीच रेलवे लाइन के साथ विद्युतीकरण कार्य भी पूरा हो चुका है।
इन परियोजनाओं का भी प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी, समस्तीपुर-दरभंगा-जयनगर, समस्तीपुर-खगड़िया, कटिहार-न्यू जलपाईगुड़ी और भागलपुर-शिवनारायणपुर रेलखंडों की विद्युतीकरण परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री इसके अलावा बरौनी लोको शेड का भी उद्घाटन करेंगे।
चुनाव की घोषणा के पहले जनता तक पहुंचा रहे अपनी बात
विदित हो कि बीते कुछ दिनों के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में दर्जन भर से अधिक परियोजनाओं की सौगात दी है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने अभी तक जिन परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया है, उनकी लागत लगभग 16,000 करोड़ रुपये होगी। प्रधानमंत्री आगे भी उद्घाटन व शिलान्यास करने वाले हैं। बिहार में जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग कभी भी चुनाव की घोषणा कर सकता है। ऐसे में सरकार चुनाव की घोषणा के पहले उद्घाटन व शिलान्यास के बहाने प्रधानमंत्री के माध्यम से अपनी बात जनता तक पहुंचाना चाहती है।