दोस्तों के लिए तोहफा (तोहफा)ले जाना नहीं भूले पीएम मोदी,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ दोस्ती निभाने के लिए जाने जाते हैं. वह जब कभी विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो अपने साथ वहां के राष्ट्राध्यक्ष के लिए तोहफा (तोहफा) ले जाना नहीं भूलते. हाल ही में पीएम मोदी G-7 देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने जर्मनी गए थे. इस दौरान औपचारिक मुलाकात के समय उन्होंने सभी देश के नेताओं को अलग-अलग नायाब तोहफे भी दिए.
जापान के पीएम फुमियो किशिदा को प्रधानमंत्री ने विश्व प्रसिद्ध काली मिट्टी के बर्तन गिफ्ट किए हैं. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के निजामाबाद कस्बे में मुगलकाल से ही काली मिट्टी के ऐसे बर्तन बनाए जाते है. काली मिट्टी के बर्तनों के इस शिल्प की उत्पत्ति गुजरात के कच्छ क्षेत्र में हुई थी. फिर औरंगजेब के शासन के दौरान क्षेत्र के कुछ कुम्हार निजामाबाद चले गए. इस मिट्टी से बने पात्रों का पैटर्न इलाहाबाद के बिदरीवेयर से प्रेरित है, जिसके अंतर्गत चांदी के तारों का उपयोग करके बर्तनों को सजाया जाता हैं.
पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को डोकरा कलाकृति भेंट की. यह कला छत्तीसगढ़ की है. मध्य भारत के छत्तीसगढ़ राज्य की यह विशेष कलाकृति रामायण विषय पर आधारित है. कलाकृति में प्रमुख पात्र भगवान श्रीराम हैं जो लक्ष्मण, देवी सीता और भगवान हनुमान के साथ एक हाथी की सवारी करते हैं. डोकरा कला अलौह धातु की ढलाई कला है जिसमें मोम की खोई हुई ढलाई तकनीक का उपयोग होता है. इस प्रकार की धातु की ढलाई का उपयोग भारत में 4,000 से अधिक वर्षों से किया जा रहा है. खोई हुई मोम की ढलाई की दो मुख्य प्रक्रियाएं हैं: ठोस ढलाई और खोखली ढलाई. मुख्य रूप से मध्य और पूर्वी भारत के कारीगरों के उत्पाद, आदिम सादगी, मोहक लोक रूपांकनों और सशक्त रूप के कारण घरेलू और विदेशी बाजारों में इसकी बहुत मांग है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज को छत्तीसगढ़ की नंदी-थीम वाली डोकरा कलाकृति भेंट की. यह विशेष कलाकृति ‘नंदी-द मेडिटेटिव बुल’ की एक आकृति है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार नंदी को विनाश के देवता व भगवान शिव का वाहन माना जाता है. भारत के हर शिव मंदिर में आपने नंदी को देखा होगा, इनका मुख शिवलिंग की ओर होता है.
प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका में अपने दोस्त जो बाइडन के लिए खास ब्रोच और कफलिंक लेकर गए थे. उन्होंने बाइडन को वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी वाला ब्रोच और कफलिंक उपहार में दिया. मिस्टर एंड मिसेज बाइडन के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने मिलता जुलता ब्रोच बनवाया था.
लखनऊ के खास जरदोजी बॉक्स में इत्र की बोतलें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को उपहार में दीं. जरदोजी बॉक्स को फ्रांसीसी राष्ट्रीय ध्वज के रंगों में खादी रेशम से हाथ से कढ़ाई कर सजाया गया था.
ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन को पीएम मोदी ने हैंड पेंटेड टी सेट गिफ्ट किया. ये कला यूपी के बुलंदशहर जिले में प्रसिद्ध है. इसमें बेस फॉर्म को हाथ से पेंट किया जाता है और 1200 डिग्री सेल्सियस पर तपाया जाता है. उभरी हुई रूपरेखा मेहंदी कोन से मैन्युअल रूप से रखी जाती है. इसके लिए बेहद सधे हाथों की जरूरत होती है. प्रत्येक आकार को अलग-अलग रंग से भर दिया जाता है. इस वर्ष मनाई जा रही महारानी की प्लेटिनम जयंती के सम्मान में क्रॉकरी को प्लेटिनम मेटल पेंट से रेखांकित किया गया है.
इटली के पीएम मारियो द्राघी को पीएम मोदी ने खास मार्बल इनले से बने टेबल टॉप दिए. ये कला आगरा में खूब प्रसिद्ध है. पिएट्रा ड्यूरा या मार्बल इनले की उत्पत्ति ओपस सेक्टाइल में हुई है. प्राचीन और मध्ययुगीन रोमन दुनिया में लोकप्रिय पिएत्रा ड्यूरा का एक रूप जहां चित्र या पैटर्न बनाने के लिए सामग्री को दीवारों और फर्श में काटा और जड़ा जाता था.
जर्मन चांसलर ओलाफ़ शोल्ज़ को पीएम मोदी ने खास नक्काशी वाले मटके गिफ्ट किए हैं. निकल की पॉलिश वाले हाथ से बनाए गए पीतल के बर्तन यूपी के मुरादाबाद जिले की एक उत्कृष्ट कृति हैं. इस कृति के लिए ही मुरादाबाद को पीतल नगरी भी कहा जाता है. इस बर्तन की ढलाई के बाद इसमें डिजाइन को उकेरा जाता है. डिजाइन को पहले लकड़ी के ब्लॉक के साथ तैयार किया जाता है. इस विशेष प्रकार के उत्कीर्णन को मरोडी कहा जाता है, इस डिजाइन में नकारात्मक स्थान को भरने के लिए उपयोग की जाने वाली घुमावदार रेखाओं के कारण ये मुरादाबाद के उत्कीर्णन शिल्प में महत्व स्थान रखता है.
जर्मनी में मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी साल को तोहफे में मूंज की टोकरियां और कपास की दरी दी. यह तोहफा यूपी के प्रयागराज से है. वहीं, कॉटन की दरी सीतापुर ज़िले में हाथ से बुनी जाती है. सेनेगल में हाथ से बुनाई की परंपरा को मां से बेटी तक स्थानांतरित किया जाता है, जो सांस्कृतिक अभिव्यक्ति और पारिवारिक आजीविका के लिए एक वाहन के रूप में इसके महत्व को जोड़ता है. यह मजबूत महिलाओं द्वारा संचालित है. ऐसा ही उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज, सुल्तानपुर और अमेठी जिलों में किया जाता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को तोहफे में बनारस की जी-आई टैग वाली कला वाले लाकरवेयर राम दरबार उपहार में दिया. इसे गूलर की लकड़ी पर बनाया गया है. कलाकृति में प्रमुख पात्र श्री राम, देवी सीता, भगवान हनुमान और जटायु हैं. ऐसा माना जाता है कि रामायण का इंडोनेशियाई संस्करण मध्य जावा में मेदांग साम्राज्य (732-1006 ईस्वी) के दौरान लिखा गया था. इसे काकाविन रामायण के नाम से जाना जाता है. छाया कठपुतली के माध्यम से लोगों को रामायण की कथा सुनाई जाती है.
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को तोहफे में कश्मीर का सिल्क कारपेट दिया. कश्मीरी रेशम के कालीन मुख्य रूप से भारत में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर क्षेत्र में बनाए जाते हैं. पैटर्न में रंगों के सख्त कोड का इस्तेमाल किया जाता है. इसके धागों को हाथ से बुना जाता है. फिर चमकदार पॉलिश की जाती है.
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