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PM मोदी बोले- जब भी बारी आए, कोरोना के टीके जरूर लगवाएं

गुवाहाटी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज असम की सरकार ने आपके जीवन की बड़ी चिंता दूर की है। 1 लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से आपके जीवन की बड़ी चिंता अब दूर हो गई है। विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र और राज्य सरकार का गुणगान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का रास्ता असम से होकर गुजरता है।

मैं असम के लोगों से अपील करना चाहता हूं कि जब भी बारी आए, टीके जरूर लगवाएं। यह भी याद रखें कि टीके का एक डोज नहीं, दो डोज लगवाना जरूरी है।

  ऐतिहासिक बोडो समझौते से अब असम का एक बहुत बड़ा हिस्सा शांति और विकास के मार्ग पर लौट आया है। समझौते के बाद हाल में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के पहले चुनाव हुए, प्रतिनिधि चुने गए। अब बोडो टेरिटोरियल काउंसिल विकास और विश्वास के नए प्रतिमान स्थापित करेगी।

 5 साल पहले तक असम के 50 प्रतिशत से भी कम घरों तक बिजली पहुंची थी, जो अब करीब 100 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। जल जीवन मिशन के तहत बीते 1.5 साल में असम में 2.5 लाख से ज्यादा घरों में पानी का कनेक्शन दिया गया है।

 आत्मविश्वास तभी बढ़ता है जब घर-परिवार में भी सुविधाएं मिलती हैं और बाहर का इंफ्रास्ट्रक्चर भी सुधरता है। बीते सालों में इन दोनों मोर्चों पर असम में अभूतपूर्व काम किया गया है।

आज असम की लगभग 40 प्रतिशत आबादी आयुष्मान भारत से लाभान्वित हुई है। 1.5 लाख लोगों को पहले ही मुफ्त इलाज मिल चुका है! 35 लाख महिलाओं के पास उज्ज्वला गैस कनेक्शन हैं, जिसमें 4 लाख परिवार SC/ST समूहों से संबंधित हैं।

असम ने पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व विकास कार्य देखे हैं। लगभग 1.75 करोड़ जनधन खाते गरीबों के लिए खोले गए हैं, जिससे हमें COVID के दौरान सहायता प्रदान करने में मदद मिली।

शिवसागर के महत्व को देखते हुए इसे देश की 5 सबसे आइकोनिक आर्कियोलॉजिकल साइट में शामिल करने के लिए सरकार जरूरी कदम उठा रही है।

असम की लगभग 70 जनजातियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है। हम उन्हें तेजी से विकास की ओर भी ले जा रहे हैं।2014 से अटल जी की सरकार से लेकर असम की संस्कृति और सुरक्षा को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता रही है।

असम में जब हमारी सरकार बनी तो उस समय भी यहां करीब-करीब 6 लाख मूल निवासी परिवार जिनके पास ज़मीन के कानूनी कागज़ नहीं थे। लेकिन सर्वानंद सोनोवाल के नेतृत्व में यहां की सरकार ने आपकी इस चिंता को दूर करने के लिए गंभीरता के साथ काम किया।

2019 में, सरकार द्वारा बनाई गई नई भूमि नीति अपने सही मालिकों को भूमि देने के लिए अपना समर्पण दिखाती है। पिछले कुछ वर्षों में, 2.25 लाख से अधिक मूल परिवारों को जमीन का पट्टा दिया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि असम के लोगों का ये आशीर्वाद, आपकी ये आत्मीयता मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। आपका ये प्रेम और स्नेह मुझे बार बार असम ले आता है।

आज पराक्रम दिवस पर पूरे देश मे अनेक कार्यक्रम भी शुरू हो रहे हैं। इसलिए एक तरह से आज का दिन उम्मीदों के पूरा होने के साथ ही, हमारे राष्ट्रीय संकल्पो की सिद्धि के लिए प्रेरणा लेने का भी अवसर है।

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