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PM की मां से मिला था वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने निकला शख्स – चलवाई रामदेव से बाइक

लखनऊ.महज 23 साल के गौरव सिद्धार्थ अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज करवाने निकले हैं। गौरव ने अब तक 60 हजार प्लस किमी का सफर मोटरबाइक पर तय किया है। अपने इस रिकॉर्ड सफर के दौरान उन्होंने बाबा रामदेव को भी बाइक चलाने के लिए मजबूर कर दिया। रामदेव ने इतनी तेज दौड़ाई बाइक…
बाबा रामदेव भी इस रिकॉर्ड सफर का हिस्सा बन गए हैं।
– रामदेव से मुलाकात के दौरान गौरव ने उनसे बाइक चलाने की रिक्वेस्ट की।
– बाबा इनकार नहीं कर सके और गौरव की ‘भंवरी’ को 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया।
– रामदेव ने कहा कि उन्होंने काफी सालों के बाद बाइक चलाई है।
वर्ल्ड रिकॉर्ड से कितनी दूर हैं गौरव
– यूपी के लखनऊ के रहनेवाले गौरव साइकोलॉजी ग्रेजुएट हैं।
– गौरव इंडिया में 12 लाख किमी का सफर पूरा करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने निकले हैं।
– अब तक गौरव ने 60 हजार किमी का सफर पूरा कर लिया और उनकी यह रिकॉर्ड जरनी जारी है।
– ऑफीशियली एक ही देश में बाइक पर सबसे लंबा सफर तय करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड अमेरिका की डेनेल लिन के नाम है।
– लिन ने 19 सितंबर 2014 से 29 अगस्त 2015 के बीच अमेरिका में 78214 किमी का सफर तय किया था।
– गौरव इस रिकॉर्ड से महज 20 किमी दूर हैं।
इंफोसिस के नारायण मूर्ति ने ऑफर की स्पॉन्सरशिप
– गौरव के पिता कुंदन सिंह बिष्ट नैनीताल बैंक में मैनेजर हैं और मां राधा बिष्ट गृहिणी हैं।
– अपने इस रिकॉर्ड के लिए उन्होंने किसी फाइनेंसर का सहारा नहीं लिया।
– इंफोसिस के मालिक एनआर नारायण मूर्ति ने खुद उन्हें फाइनेंस करने का ऑफर दिया था, लेकिन गौरव ने उसे विनम्रता से ठुकरा दिया।
– गौरव का कहना है कि फिलहाल उन्हें स्पॉन्सर्स की जरूरत नहीं है। सफर आधे से ज्यादा पूरा होने पर ही वे फाइनेंसर तलाशेंगे। तब तक की जरनी के लिए उनके पास पैसा है।
मोदी की मां से भी मिले गौरव
– रामदेव के अलावा गौरव आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर, 16 साल से अनशन पर बैठीं इरोम शर्मीला, समाजसेवी अन्ना हजारे, नरेन्द्र मोदी की मां हीराबेन और सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति से मिले।
बाइक का नाम रखा है ‘बांवरी 2.0’
– गौरव यह पूरा सफ़र अपनी ऑरेंज रंग की हीरो इम्पल्स बाइक पर कर रहे हैं।
– इस बाइक को उन्होंने ‘बांवरी 2.0’ नाम दिया है।
– यह बाइक पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बनी है और मेड इन इंडिया है।

कई चरणों में कर रहे हैं पूरा सफ़र

– गौरव की यह यात्रा 17 सितंबर 2015 को शुरू हुई।
– गौरव ने पहले फेज़ में देश की सबसे ऊंची चलने सड़क लेह-खारडूंगला टॉप तक का सफर तय किया।
– दूसरे फेज़ में उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट रूट पर बाइक घुमाई।
– कई कई दिनों तक भूखे पेट रहते हुए, खुले में रात बिताने जैसी तमाम दिक्कतों का सामना करते हुए गौरव ने यह सफ़र तय किया है।
– सेकंड फेज तक गौरव 12000 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा कर चुके थे।
– तीसरे चरण में गौरव ने वेस्टर्न इंडिया में कदम रखने का मन बनायाष
– राजस्थान और गुजरात राज्यों में अनगिनत संस्कृतियों, लोगों, रहन-सहन और खानपान से मुलाकात करते हुए गौरव ने 14000 किलोमीटर से ज्यादा का सफ़र तय किया।

साइकिल से कर चुके हैं कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा

– गौरव ने पिछले साल 14 फरवरी से 9 अप्रैल के बीच कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिलिंग भी की थी।
– यहीं से उनकी इस बाइक राइड की बुनियादी नींव रखी गई।
– गौरव कहते हैं कि उन्हें तभी ये ख्याल आया कि अगर इस 4750 किलोमीटर की यात्रा में भारत को देखना इतना रोमांचक रहा तो, क्यों न 12 लाख किलोमीटर की यात्रा कर भारत को और करीब से देखा जाए।

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