main slideसोचे विचारें

” पीरियड्स लज्जा नहीं “

पीरियड्स लज्जा नहीं

यह तो है प्रकृति की देन

मत समझो इसे लज्जा की देन

इन दिनों सब पीड़ा वह सह लेती

फिर भी चेहरे पर उसके एक मुस्कान सी रहती है।।

छुप छुप कर उसे रहना पड़ता है।

इन दिनों उसे क्या क्या नहीं उसे सहना पड़ता है ।।

माहवारी हो तो मंदिर मस्जिद मत जाना

घर से बाहर ही मत आना।।

बहुत ही पीड़ा से गुजरती है वो हर महिला

चाहे हो 12 साल की या हो 45 साल की।।

स्त्री की जब माहवारी आती है

तभी तो घरों में चिराग जलते है।।

कुमारी तानिया

कक्षा-12वी

चोरसौ, गरुड़

बागेश्वर, उत्तराखंड

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button