महिला आरक्षण पर संसद की मुहर(संसद )

नई दिल्ली. राज्यसभा ने गुरुवार को ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को मंजूरी दे दी, जिसमें संसद (संसद ) के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है. विधेयक पारित किए जाने के दौरान उच्च सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद थे. राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के पक्ष में 215, जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा. इससे एक दिन पहले बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक दो-तिहाई बहुमत से पारित हुआ था.
लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी महिला आरक्षण से जुड़े नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने के साथ ही भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण के युग की शुरुआत हुई है. उन्होंने कहा कि यह महज एक विधान नहीं है, बल्कि यह उन अनगिनत महिलाओं को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने हमारे देश को बनाया है.
देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक निर्णायक क्षण: PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक निर्णायक क्षण! 140 करोड़ भारतीयों को बधाई. मैं उन सभी राज्य सभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया. इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में ख़ुशी देने वाला है.”
‘अब महिलाओं की आवाज़ को और अधिक प्रभावी ढंग से सुना जाएगा’
उन्होंने आगे कहा, “संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने के साथ, हम भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण के युग की शुरुआत करते हैं. यह महज एक विधान नहीं है, यह उन अनगिनत महिलाओं को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने हमारे देश को बनाया है. भारत उनके लचीलेपन और योगदान से समृद्ध हुआ है. आज हमें अपने देश की सभी महिलाओं की ताकत, साहस और अदम्य भावना की याद आती है. यह ऐतिहासिक कदम यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है कि उनकी आवाज़ को और भी अधिक प्रभावी ढंग से सुना जाए.”
‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी. राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा था कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा.