पंजाब प्रांत पर टिकी पाकिस्तान की सियासत
पाकिस्तानी । सियासत (politics) में सबका ध्यान पंजाब प्रांत पर टिका हुआ है। पंजाब के गवर्नर ने मुख्यमंत्री के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने का निर्देश दिया था।
गवर्नर के कदम को गैर-कानूनी बताकर दावा किया सदन का सत्रावसान (politics) नहीं हुआ है,गवर्नर का नया सत्र बुला कर अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करने का निर्देश देना असंवैधानिक है।
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अप्रैल में इमरान खान की सरकार गिर गई थी। तब से वे तुरंत आम चुनाव कराने की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे हैं। स्पीकर सिबतै खान ने गवर्नर के निर्देश का उल्लंघन कर पंजाब की प्रांतीय असेंबली के बड़ा संवैधानिक संकट खड़ा कर दिया है।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 23 दिसंबर को भंग कराने का एलान कर सरकार वाली दो राज्यों की असेंबलियों को रखा है। पीडीएम की रणनीति इलाही सरकार को गिरा देना है।
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मुख्यमंत्री इलाही ने पीटीआई नेताओँ के साथ बैठक कर आम चुनाव और उप चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे पर चर्चा हुई। वही दूसरी प्रांतीय सरकार खैबर पख्तूनवा प्रांत की इमरान खान ने संविधान विशेषज्ञों के साथ बैठक की।
पंजाब असेंबली में सदस्यों की कुल संख्या 371 सदन में पीटीआई के 180 , और पीएमएल के दस सदस्य , 190 सदस्यों के साथ उनका बहुमत है।