भारत के इस फाइटर जेटfighter jet) से थर-थर कांपता है पाकिस्तान
मिराज2000: 14 फरवरी 2019 को आज ही के दिन जम्मू-श्रीनगर के पुलवामा में हमारे देश के जवानों पर आतंकवादियों ने हमला किया था. आज इस हमले के 4 साल हो गए हैं. इस हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. जिसका एक वीडियो भी आतंकी संगठन ने जारी किया था. इसके बाद भारत ने भी पाकिस्तान को सबक सिखाने का मन बना लिया था. और 26 फरवरी, 2019 बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया. सबसे खास बात यह है कि इस स्ट्राइक में भारतीय वायु सेना का मिराज-2000 फाइटर जेट (fighter jet) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. आइए जानते है इसके बारे में कि क्यों पाकिस्तान को भी इसके नाम से डर लगता है.
भारतीय वायु सेना का यह फाइटर जेट फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन द्वारा बनाया गया है. यह कंपनी राफेल मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट भी बनाती है. इस फाइटर जेट ने 26 फरवरी, 2019 को तड़के पाकिस्तान की सीमा में घुसकर कत्लेआम मचा दिया था. एयर स्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के 200 से 300 आतंकवादी मारे गए थे.
मिराज-2000 निस्संदेह भारतीय वायु सेना (IAF) के सबसे बहुमुखी और घातक विमानों में से एक है और इसे पहली बार साल 1985 में कमीशन किया गया था. मिराज को शामिल करने के तुरंत बाद, आईएएफ ने इसे नाम दिया ‘वज्र’ जिसका अर्थ संस्कृत में बिजली का वज्र है. भारत ने 1982 में 36 सिंगल-सीटर मिराज-2000 और 4 ट्विन-सीटर मिराज 2000 का पहला ऑर्डर दिया था.
मिराज-2000 ने साल 1999 के कारगिल युद्ध में भी निर्णायक भूमिका निभाई थी और इसे भारत के पक्ष में कर दिया. फाइटर जेट की सफलता को देखते हुए, सरकार ने 2004 में 10 मिराज-2000 विमानों का अतिरिक्त ऑर्डर दिया, जिससे कुल मिलाकर 50 जेट हो गए. फिर 2011 में मौजूदा मिराज-2000 जेट्स को मिराज 2000-5 एमके में अपग्रेड करने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे जेट्स का जीवन बढ़ गया जो अब 2030 तक सेवा के लिए तैयार है.
मिराज-2000 एक सिंगल शाफ्ट इंजन का उपयोग करता है, जो अन्य फाइटर जेट इंजनों की तुलना में हल्का और सरल है और इसे SNECMA M53 कहा जाता है. इंजन का पहली बार साल 1970 में परीक्षण किया गया था और शुरू में इसे मिराज जेट के लिए नहीं बनाया गया था. साल 1974 में डसॉल्ट एविएशन ने अपने मिराज F1E टेस्टबेड का उपयोग करके M53-2 संस्करण का परीक्षण किया. अधिकांश मिराज-2000 SNECMA M53-P2 इंजन द्वारा संचालित हैं.
मिराज को आदर्श रूप से एक लड़ाकू पायलट को सीट देने के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के आधार पर इसे जुड़वां सीट वाले जेट के तौर पर भी बनाया जा सकता है. इसकी लंबाई 14.36 मीटर और पंखों का फैलाव 91.3 मीटर है. विमान का वजन 7500 (सूखा) किलोग्राम है और इसका कुल टेकऑफ वजन 17000 किलोग्राम है.
मिराज-2000 की अधिकतम गति 2.2 मैक (2336 किमी प्रति घंटा) है और यह ड्रॉप टैंक के साथ 1550 किमी की यात्रा कर सकता है. इसकी उड़ान की ऊंचाई 59000 फीट है. इसकी तुलना में भारत के अन्य लड़ाकू और अधिक उन्नत लड़ाकू जेट जैसे कि रूस निर्मित सुखोई Su30MKI की गति 2120 किमी प्रति घंटा (मैक 2) है, जो मिराज-2000 की तुलना में धीमी है. यह विमान भारी भी है.
मिराज 2000 में फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम है और इसमें सेक्सटेंट वीई-130 एचयूडी है, जो फ्लाइट कंट्रोल, नेविगेशन, टारगेट एंगेजमेंट और हथियार फायरिंग से संबंधित डेटा प्रदर्शित करता है. अगर हथियार की बात करें तो मिराज 2000 लेजर निर्देशित बम, हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों को ले जा सकता है.