अंतराष्ट्रीय

‘नो मनी फॉर टेरर’ कॉन्फ्रेंस (Terror’ conference)में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद

नई दिल्ली: ‘नो मनी फॉर टेरर’ कॉन्फ्रेंस  (Terror’ conference) में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का दोहरा प्रहार देखने को मिला. प्रधानमंत्री के उद्घाटन संबोधन के बाद गृह मंत्री शाह ने पहले सत्र की अध्यक्षता की जिसमें 72 देशों के नुमाइंदे शामिल थे. उन्होंने सीधे तौर पर पाकिस्तान में बसे आतंकी संगठनों का लिया नाम, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी गतिविधियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘अल-कायदा के साथ लश्कर और जैश आतंकी दक्षिण एशिया में अपना पैर पसार रहे हैं, जो देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं आत्मसंतुष्ट रवैया न अपनाएं. डटकर सब एकसाथ मुकाबला करें. आतंक के खिलाफ पूरी व्यवस्था को मजबूत करना होगा, पुलिस ऑपरेशन को मजबूत करना होगा.’

गृह मंत्री अमित शाह के मुताबिक भारत में आतंक के खिलाफ एनआईए एक्ट, टेरर प्रिवेंशन एक्ट जैसे मजबूत कानून बने. टेररिज्म के खिलाफ आर्थिक नुकसान भी इसमें कम हुआ है. उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन आसानी से सीमा पार हथियार इकट्ठा करते हैं. नार्को टेरर फैलाते हैं. उसके खिलाफ सारे देशों का सहयोग अनिवार्य है. अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत के गृह मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का भी जिक्र किया. उनके मुताबिक आतंकी वित्त पोषण पर लगाम लगाने के लिए एफएटीएफ की भूमिका बहुत प्रभावी है. अमित शाह ने कहा कि वर्चुअल एसेट का उपयोग आतंककियों द्वारा किया जा रहा है. डार्क नेट के खिलाफ पुख्ता अंतरराष्ट्रीय रणनीति बनाई जाए. वैश्विक स्तर पर आतंकी फंडिंग को रोकने की जरूरत को लेकर भारत में तीन सम्मेलन हो चुके हैं.

उन्होंने कहा कि ‘वन माइंड वन अप्रोच’ के साथ आतंकी फंडिंग पैटर्न को रोकना होगा. भारत हमेशा से ही ‘नो मनी फॉर टेरर’ के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसी आतंकवादी को संरक्षण देना आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर ही है. आतंकवाद का सपोर्ट सिस्टम, आतंकवाद के बराबर ही दुनिया के लिए खतरा है, हमें मिलकर उसे भी उजागर करना होगा. आतंकवाद और रेडिकल मटेरियल को फैलाने के लिए डार्कनेट नया माध्यम बन रहा है, इसे रोकने के लिए एक संयुक्त मजबूत ऑपरेशनल सिस्टम की दिशा में काम करना होगा. नार्को टेरर आज टेरर फाइनेंसिंग का बड़ा माध्यम बना है, इसके समूल नाश के लिए हमको संयुक्त प्रयास करने होंगे.

भारत में हो रहे पहले अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ सम्मेलन में पीएम मोदी ने शुरुआती संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि आतंकवाद को स्टेट स्पॉन्सर नहीं करना चाहिए और वैचारिक सपोर्ट नहीं करना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विदेश में बैठे गैंग जो अपने मूल देश के खिलाफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम की गतिविधियां संचालित कर रहे हैं उनके खिलाफ नकेल कसने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है. साइबर क्राइम के जरिए कट्टरता फैलाना बड़ी चुनौती है, और इसे रोकने के लिए सारे देशों का सहयोग बहुत जरूरी है. पीएम ने कहा कि डार्क नेट, फेक करेंसी आतंक फैलाने का नया जरिया बने हैं. इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एक मजबूत रणनीति बनाने का आह्वान किया.

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button