पाकिस्तान(Pakistan)आईएमएफ से 14 बार लिया लोन पर पूरा कभी चुकाया नहीं

इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकटसे जूझ रहा है और ऐसा माना जा रहा है कि इससे उबर पाना नामुमकिन है. जानकारों का कहना है कि 1947 में गठन के बाद से यह सबसे बड़ा आर्थिक संकट है और उसे बड़ी मुश्किल से गुजरना पड़ सकता है. वहीं खबर है कि पाकिस्तान ने 14 बार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से लोन लिया, लेकिन वह पूरी तरह एक बार भी उसे चुका नहीं पाया. इस बार लोन देने से पहले आईएमएफ के प्रतिनिधिमंडल ने दौरा कर देश की वित्तीय व्यवस्था का आकलन किया है.
पाकिस्तान सरकार की क्षमता और योग्यता पर अब गंभीर सवाल हैं. देश की वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है. सरकार के सभी डिपार्टमेंट भारी घाटे में चल रहे हैं और कहीं से भी कोई राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है. यहां राजनीतिक संकट भी गहराया हुआ है. पीएम शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ गठबंधन घबराया हुआ है और वह आर्थिक उपायों को लागू करने में देरी कर चुका है. देश में बेरोजगारी और महंगाई चरम पर पहुंच गई है. ईंधन और बिजली संकट आम जीवन पर असर डाल रहा है.
एकमात्र उम्मीद है कि आईएमएफ से कर्ज मिल जाए
पाकिस्तान विदेशी बाजार से खरीदारी करने के लिए भी सक्षम नहीं है. उसका विदेशी मुद्रा भंडार कंगाली की कगार पर पहुंच गया है. अब उसकी उम्मीद आईएमएफ से कर्ज मिलने पर टिकी हुई है. पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि सत्तारूढ़ पीडीएम गठबंधन देश के लिए अपने ‘राजनीतिक करियर’ का त्याग करने के लिए तैयार था. पाकिस्तान के व्यापारियों ने भी पाकिस्तान सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है. पाकिस्तान के मरकजी तंजीम ताजिरन (व्यापारियों का केंद्रीय संगठन) ने कहा कि यदि आईएमएफ के कहे अनुसार नए टैक्स थोपे गए तो वे 13 फरवरी से आंदोलन शुरू करेंगे.