अंतराष्ट्रीय

कर्ज चुकाने लिए पाकिस्तान (Pakistan)ने रखा दिल पर पत्थर

इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) अपने सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है. पाक सरकार का इस आर्थिक संकट से निकालने का हर कोशिश नाकाम होते जा रही है. संकट से उबरने के लिए अब ये पड़ोसी मुल्क अपनी कीमती संपत्तियों को बेचने पर मजबूर हो गया है. अभी हाल में उसने न्यूयॉर्क स्थित अपने मशहूर रूजवेल्ट होटल को तीन साल के लिए किराये पर दे दिया है. इससे पहले वह रूस-यूक्रेन युद्ध में कई अपने सैन्य आर्टिलरी को पश्चिमी देशों से मिलकर यूक्रेन के साथ सौदा किया. लेकिन अब इससे बड़ा डील संयुक्त अरब इमरात से करने जा रहा है.

दरअसल, कंगाली पर पहुंचे पाकिस्तान सरकार अपना फेमस और कीमती कराची पोर्ट का यूएई ) को बेचने जा रहा है. इस पोर्ट को बेचने के लिए पाकिस्तान ने एक हाई कमीशन का गठन किया है. इसकी अध्यक्षता पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार करने वाले हैं. अंतर-सरकारी वाणिज्यिक लेनदेन पर कैबिनेट समिति की बैठक भी हो चुकी है.

बढ़ते कर्ज के बीच पाकिस्तान को किसी भी देश यहां तक की आईएमएफ़ ने भी इसे कर्ज देने से इंकार कर दिया है. पाकिस्तान पर लगातार डिफ़ॉल्टर होने का ख़तरा बढ़ गया है. इसके बचाव के लिए सरकार लगातार अपनी संपत्तियों को बेचते जा रही है. शहबाज सरकार ने इमरजेंसी फंड पाने के लिए साल 2022 में एक कानून बनाया था. इंटर गवर्नमेंटल कमर्शियल ट्रांजैक्शन एक्ट को इसलिए बनाया गया था कि धन जुटाने के लिए राज्य की संपत्ति को फास्ट-ट्रैक आधार पर बेचा जा सके.
अरबों रुपये के कर्ज के बोझ के तले पाकिस्तान दबा हुआ है. पाकिस्तान के ऊपर कुल कर्ज और देनदारी लगभग 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से ज्यादा है. यह देश की जीडीपी का 85 फीसदी से अधिक है.

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