पाकिस्तान ज्यादा हिम्मत मत करो, कश्मीर हमारा है : अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कश्मीरी पंडितों की हत्या और पलायन के खिलाफ जंतर-मंतर पर जन आक्रोश रैली में शामिल होकर कश्मीर से कश्मीरी पंडित पलायन को मजबूर हैं उसके लिए रोष व्यक्त किया। अरविंद केजरीवाल ने कहा किभाजपा की केंद्र सरकार पूरे देश के सामने प्लान रखे कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों, कश्मीरी हिन्दुओं और हमारी फौज के लोगों को शहीद होने व उनके नरसंहार को रोकने का आपका क्या प्लान है? उसे आप देश के सामने रखो। पूरा देश जानना चाहता है कि आपके पास कोई प्लान है या नहीं है। दूसरा, कश्मीरी पंडितों के साथ जो बांड साइन किया गया है, उसे रद्द किया जाए।
तीसरा, अपनी जिन मांगों को लेकर कश्मीरी पंडित प्रदर्शन कर रहे हैं, उनकी सारी मांग पूरी होनी चाहिए और चौथा, इनको सुरक्षा प्रदान की जाए। अब वहां पर किसी कश्मीरी पंडित का कत्ल नहीं होना चाहिए। इस मंच से मैं आज पाकिस्तान को भी ललकारना चाहता हूं कि ज्यादा हिम्मत मत करो। यह छिछोरी हरकतें मत करो। अगर तुमको लगता है कि इस तरह की हरकतें करके तुम कश्मीर ले लोगो, तो सुन लो। कश्मीर हमारा है, हमारा था और हमारा रहेगा। कश्मीर को कोई भारत से अलग नहीं कर सकता है। एक-एक हिन्दुस्तानी साथ है। पाकिस्तानियों को चुनौती देते हैं। अगर हिन्दुस्तान अपनी पर आ गया, तो फिर पाकिस्तान नहीं बचेगा। आज मैं इस मंच से सारे कश्मीरी पंडित भाई-बहनों से कहना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी आपके साथ खड़ी है।
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केवल कश्मीरी पंडित ही नहीं, जम्मू-कश्मीर में रहने वाले एक-एक व्यक्ति से कहना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी आपके साथ खड़ी है। आपके हर संघर्ष में खड़ी है। आपको न्याय दिलाने के लिए हम हर मुमकिन कदम उठाएंगे। हम तन-मन-धन से आपके साथ खड़े हैं। मैं एक-दो दिन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी से कश्मीर पर चर्चा करने और उनसे समझने के लिए मिलने का समय मांगूंगा कि उनका क्या प्लान है। पूरा हिन्दुस्तान आज कश्मीर के अपने भाई-बहनों के साथ खड़ा है।जन-आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कश्मीर के अंदर कश्मीरी पंडितों और कश्मीर में रह रहे हिन्दुओं को आतंकवादियों ने चुन-चुन कर टारगेट किलिंग की है। उससे पूरा देश बहुत गुस्से में है और बहुत चिंचित है व दुखी है।
आज जंतर-मंतर पर दिल्ली के कोने-कोने से लोग आए हुए हैं। हम लोगों ने एक दिन पहले ही यह संदेश भेजा था कि आज कश्मीरी पंडितों के समर्थन में आक्रोश रैली की जाएगी। इतने कम समय में इतने लोग यहां एकत्र हुए हैं। इसी से यह जाहिर है कि किस तरह से एक-एक भारतवासी के मन में कश्मीर में जो चल रहा है, उसको लेकर गुस्सा और दुख है। कश्मीरी पंडितों को चुन-चुन कर मारा जा रहा है। आज फिर से कश्मीरी पंडित अपनी जन्मभूमि छोड़कर पलायन करने के लिए मजबूर हो गए हैं। इससे पहले 1990 में कश्मीर से पलायन किए थे और अब फिर से वे कश्मीर से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। जिंदगी में वही घटना बड़ी दुखद थी, बड़ी मुश्किल से हिम्मत जुटा कर कश्मीरी पंडित अपने घर कश्मीर लौटे थे कि दोबारा अपने मातृभूमि पर फिर से अपना घर बसाएंगे। लेकिन फिर से उन्हें मजबूर होकर अपना घर छोड़कर जाना पड़ रहा है।