उत्तर प्रदेशवाराणसी

पद्मविभूषण प्रोफेसर बीबी लाल का निधन

वाराणसी । भारत (Lal’s death) के प्रख्यात आर्कियोलॉजिस्ट पद्मविभूषण प्रोफेसर बीबी लाल के निधन (Lal’s death) से काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पुराविद काफी स्तब्ध हैं। उनकी उम्र 101 साल की थी। वह बहुत दिनों से बीमार चल रहे थे। BHU के इस प्रोजेक्ट को किसी वजह से आगे नहीं बढ़ा सका, तो उन्होंने खुदाई का काम अपने हाथ में लिया। जब वहां से प्राचीन वस्तुएं मिलीं, तो उन्होंने BHU को पुरातात्विक वस्तुओं के बारे जानकारी दी थी।

इसी पुरातात्विक साक्ष्य के आधार पर कोर्ट में यह सिद्ध हो सका कि अयोध्या में मंदिर था।” शनिवार को उन्होंने दिल्ली स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली। इनका जन्म झांसी जिला के बैडोरा गांव में 02 मई 1921 को हुआ था। उन्होंने भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान, शिमला के निदेशक के रूप में सेवा शुरू की। कहा कि प्रोफेसर लाल ऑर्कियोलॉजी के भीष्म पितामह थे। आज BHU उनका ऋणि है, वो हमारे गुरु हैं।

आज अयोध्या में राम मंदिर तेजी से तैयार हो रहा है। मंदिर वहां पर क्यों बने, इसका आधार तैयार करने में प्रो. लाल की भूमिका काफी बड़ी है। प्रो. बीबी लाल के शिष्य प्रो. अशोक सिंह ने कहा, ”बीएचयू के पुराविद प्रोफेसर एके नारायण ने 60 के दशक में पहली बार अयोध्या में पुरातात्विक उत्खनन का काम शुरू कराया। ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के पूर्व एडिशनल डायरेक्टर जनरल, वाराणसी के बीआर मणि, BHU के पुराविद प्रोफेसर अशाेक सिंह और प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह ने दुख जताया है।

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