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स्वामित्व योजनाः उत्तराखंड के 6800 बाशिंदों को भी मिले प्रॉपर्टी कार्ड

-पौड़ी के ग्राम गोदा निवासी सुरेश चंद्र ने प्रधानमंत्री से किया वर्चुअल संवाद, जताया आभार
-प्रधानमंत्री बोले- आप भाग्यशाली हैं, क्योंकि उत्तराखंड की धरती पर पवित्र पर्वतों के दर्शन होते हैं

देहरादून । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्वामित्व योजना ‘मेरी सम्पत्ति मेरा हक’ के पायलट फेज के तहत छह राज्यों के 763 गांवों के 1 लाख लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड के वितरण का डिजिटल शुभारम्भ किया। महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखड, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के एक लाख ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड वितरित किये गये। इनमें उत्तराखंड के 50 गांवों के 6800 लोग शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में कुछ लाभार्थियों से बात भी की। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के विकास खण्ड खिर्सू के ग्राम गोदा के सुरेश चंद्र ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता से सम्पन्न हुई है। इसमें किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ। प्रॉपर्टी के कागज मिलने से अब बैंक से ऋण भी मिल सकेगा। गांव से चौखम्भा, केदारनाथ जी की पर्वत शिखरों के दर्शन होते हैं और निकट ही प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी हैं। गांव के लोग प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद अपने घरों में होम स्टे बनाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने बधाई देते हुए कहा कि वे उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में काफी रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरेश चंद्र भाग्यशाली हैं कि वे ऐसे स्थान पर रहते हैं, जहां से पवित्र पर्वतों के दर्शन होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि होम स्टे के फोटोग्राफ, कान्टेक्ट नम्बर सहित सारा विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध होना चाहिए, ताकि पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को जानकारी मिल सके। इससे होम स्टे का काम बढ़िया तरीके से आगे बढ़ सकता है। इस अवसर पर केंद्रीय पंचायतराज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, अरविंद पाण्डेय, सहकारिता व उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत उपस्थित थे। राजस्व विभाग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वामित्व योजना के डिजिटल शुभारंभ अवसर पर उत्तराखंड के 50 गांवों में 6800 व्यक्तियों को स्वामित्व अभिलेख वितरित किया गया। यह अभिलेख ड्रोन सर्वे के माध्यम से तैयार किए गए। सर्वे ऑफ इण्डिया एवं राजस्व विभाग की टीमों द्वारा अत्यंत सीमित समय में यह कार्य पूर्ण किया गया है।

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