कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए खुले स्कूल, बच्चों से लेकर शिक्षक दिखे उत्साहित
लखनऊ । कोरोना महामारी के कारण मार्च में लगे लॉकडाउन के बाद बन्द चल रहे प्रदेश के स्कूल सोमवार से कक्षा 9 से 12 तक के लिए खुल गए। चेहरे पर मास्क और कंधों पर बैग लादे अभिभावकों के साथ स्कूल पहुंचे छात्र-छात्राएं काफी प्रसन्न नजर आए। स्कूल प्रबन्धन ने सभी स्टाफ और छात्रों को प्रवेश के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल के अन्तर्गत सारी व्यवस्थाएं कर रखी है। गेट पर ही सैनिटाइजेशन की व्यवस्था है। कोविड हेल्प डेस्क बनाकर प्रवेश से पहले सभी बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग करते हुए ब्यौरा लिखा गया। किसी भी छात्र और स्टाफ को बिना मास्क के प्रवेश नहीं करने दिया गया। छात्रों के लिए गेट के पास ही गोले बनाये गए थे ताकि वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अंदर प्रवेश करें। स्कूल दो पालियों में खोले गए हैं। पहली पाली सुबह 8:50 से 11:50 और दूसरी पाली 12:20 से 3:20 तक चलेगी। लम्बे समय से स्कूल व साथियों से दूर रहे बच्चों के चेहरे पर आज खुशी दिखाई दी। ज्यादातर छात्रों को उनके अभिभावक छोड़ने आये थे। इसके साथ ही स्टाफ और शिक्षक भी बेहद प्रसन्न नजर आए। महानगर स्थित सीएमएस स्कूल में प्रधानाचार्य कल्पना त्रिपाठी ने स्कूल के गेट पर ही तिलक कर छात्रों का स्वागत किया। वहीं अलीगंज के सेक्टर ओ में सीएमएस स्कूल में भी छात्र पढ़ने के लिए पहुंचे। यहां शारीरिक दूरी के मानकों के लिए गोले और फेस कवर का इंतजाम देखने को मिला। राजधानी के नेशनल कॉलेज में पहले दिन कम संख्या में छात्र पहुंचे। वहीं क्रिएटिव कॉन्वेंट कॉलेज में बिना सहमति पत्र के पहुंचे छात्रों को वापस लौटाया गया। इंदिरा नगर स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज में 1,042 छात्राएं पंजीकृत हैं। वहीं, सोमवार को कक्षा नौ से 12 तक की कक्षाएं शुरू की गईं। इनमें छात्राओं की संख्या 400 है। प्रधानाचार्य सुमन सिंह ने बताया कि दो पालियों में स्कूल का संचालन किया जा रहा है। स्कूल पहुंची छात्राएं अभिभावकों का सहमति पत्र भी लेकर आईं। कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन कराया जा रहा है। हालांकि कई स्कूल ऐसे हैं जो दशहरा के बाद खुलेंगे। वहीं, कुछ स्कूल प्रबंधन दीवाली तक इंतजार करने की बात कह रहे हैं। प्रदेश सरकार के निर्देशों के मुताबिक छात्र-छात्राएं अभिभावकों की सहमति से ही स्कूल आ सकेंगे। स्कूल आने के लिए बच्चों को बाध्य नहीं किया जाएगा और ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह ही चलती रहेंगी। स्कूलों में हाजिरी को लेकर चलने वाले प्रोत्साहन को स्थगित करने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूलों में स्टेशनरी या सामान के आदान-प्रदान पर रोक रहेगी। एक साथ सभी विद्यार्थियों की छुट्टी नहीं की जाएगी। अगर कोई स्कूल प्रबन्धन छात्र-छात्राओं को जबरन आने पर मजबूर करता है, तो उसकी शिकायत मिलने पर एपिडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।