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रिफाईन स्थिति ही गोल तक पहुचा सकती है

रिफाईन स्थिति ही गोल तक पहुचा सकती है। हमें निरन्तर अपनी स्थिति को फाईन करनी है, फाईन नही बल्कि रिफाईन करनी है। रिफाईन के आगे डबल रिफाईन करने पर हम अपने लक्ष्य से अधिक प्राप्त कर सकते है।

साईन्स निरन्तर रिफाईन हाती रहती है। उसी प्रकार हमें अपनी साईलेन्स की शक्ति को रिफाईन करनी है। रिफाईन चीजे क्वान्टिटी में भले कम हो लेकिन क्वालिटी में पावरफुल होती है। बिना रिफाईन चीजेे क्वान्टिटी में अधिक होती है किन्तु क्वालिटी में नही होती है। जब हम रिफाईन हो जाते है तब कम समय, कम संकल्प के साथ कार्य करेगे और एनेर्जी भी कम लेगे। लेकिन जो कार्य होगा वह सौ गुणा अधिक होगा, तथा हम हल्कापन भी महसूस करेगे।

हल्कापन की निशानी है हम कभी नीचे नही आयेगे। ना चहते हुए भी हमारी स्थिति सदैव उच्ची बनी रहेगी। यही रिफाईन स्थिति की क्वालिफिकेशन है। हल्का होने से मेहनत कम लगती है किन्तु रिजल्ट अधिक मिलता है। रिफाईन चीजें ज्यादा भटकती नही है और जल्द ही स्पीड पकड लेती है। यदि रिफाईन ना हो तब किचड़ा मिक्स हो जाता है। इसके कारण हमारी स्पीड भी कम हो जाती है।

जितना अधिक रिफाईन होगें उतना ही हमारे उपर छोटी-छोटी भूले और गल्तियों पर फाईन अधिक लगता है। बिल्कुल स्वच्छ सफेद वस्त्र पर एक छोटा धब्बा भी बहुत बडा दिखता है। इसलिए यदि कम रिफाईन होगे तक फाईन भी अधिक देना होगा।

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