चीन में हर 7 सेकंड में महिलाओं से घरेलू हिंसा का एक मामला

बीजिंग । चीन (domestic violence) में महिला अधिकारों, समानता और न्याय के दावे की पोल खुल गई है। शिनचियांग में हाल में एक महिला के यौन उत्पीड़न (domestic violence) की घटना पर पुलिस ने 28 लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन टीवी पर इसे साधारण मारपीट की घटना बताया। यौन उत्पीड़न को खारिज किया गया।हॉन्गकॉन्ग में स्थित ऑल चाइना वूमन फेडरेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में हर 7 सेकंड में महिलाओं से घरेलू हिंसा का एक मामला होता है।
चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी पर अकसर महिलाओं से यौन उत्पीड़न के मामलों को फर्जी बताया जाता है। जबकि महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों में सजा की दर मात्र 11% है। महिला एक्टिविस्ट जियाझुआन से यौन उत्पीड़न के आरोपी टीवी एंकर जियानझी को कोर्ट ने बरी कर दिया। एक्टिविस्ट के पक्ष में मीटू कैंपेन चले थे। चीन की मशहूर टेनिस प्लेयर पेंग शुई ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे।
फिर वे अचानक लापता हो गई थी। इसके चलते इसी माह सोशल मीडिया पर लगभग एक हजार से ज्यादा अकांउट बंद किए गए हैं। लगभग 50 हजार से अधिक अकाउंट पर सरकार विरोधी कमेंट्स को हटाया गया है। हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी के मीडिया स्टडीज के प्रो. किंग वा फू का कहना है कि चीन में महिला उत्पीड़न के मामलों को सोशल मीडिया पर सेंसर किया जाता है।