अंतराष्ट्रीय

‘आतंकियों के मुद्दे पर चीन ने ( China supported )दिया पाक का साथ तो अमेरिका की दो टूक

मुंबई .अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की 1267 सूची के तहत आतंकवादियों को नामित करने के प्रस्ताव का सभी संबंधित पक्षों को समर्थन करना चाहिए। किसी भी देश को इसके बीच में नहीं आना चाहिए। हालांकि, ब्लिंकन ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन संभवत: यह चीन की ओर इशारा था। मुंबई में सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति की एक विशेष बैठक में चलाए गए एक रिकॉर्डेड संदेश में उन्होंने कहा कि नवंबर 2008 में मुंबई में इस आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों में छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। उन्होंने कहा, ”हम भारत एवं उन सभी देशों के लोगों के साथ खड़े हैं जिनके नागरिकों ने उस दिन अपनी जान गंवायी। लेकिन हमें शोक मनाने से ज्यादा कुछ करना होगा। पीड़ितों और हर जगह के लोगों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है कि हम मुंबई में हुए आंतकी हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में खड़ा करें।”

उन्होंने कहा, ”यही कारण है कि संयुक्त राज्य अमेरिका पिछले 14 वर्षों से भारत और अन्य भागीदारों के साथ काम कर रहा है। जब तक हम इन हमलों के साजिशकर्ताओं को सज़ा नहीं देंगे, तब तक हर जगह आतंकवादियों को यह संदेश जाएगा कि उनके जघन्य अपराधों को सहन किया जाएगा।” ब्लिंकन ने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका सहित सुरक्षा परिषद के कई सदस्यों ने इन हमलों के पीछे आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंधों लगाया है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ”हमारे प्रयास तब अधिक प्रभावी होंगे, जब हम एक साथ काम करेंगे। यही कारण है कि हम संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति में कई आतंकवादियों को नामित करने के लिए भारत के साथ काम कर रहे हैं। सभी संबंधित पक्षों को इन प्रस्तावों का समर्थन करना चाहिए और किसी भी राष्ट्र को उनके रास्ते में नहीं खड़ा होना चाहिए।”
UN में चीन ने ( China supported ) पाक का दिया था साथ
दरअसल, 1267 सूची अल कायदा और आईएसआईएस से संबद्ध आतंकवादियों की एक सूची है। ब्लिंकन का यह बयान इस महीने की शुरुआत में चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हाफिज तल्हा सईद, लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद के बेटे को काली सूची में डालने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगाने के बाद आया है। प्रस्ताव में हाफिज तल्हा सईद को यूएनएससी की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत जोड़ने की मांग की गई थी। चार महीने में यह पांचवीं बार था जब चीन ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को नामित करने के प्रस्तावों को सूचीबद्ध करने पर रोक लगा दी। ब्लिंकन ने अपने संदेश में यह भी कहा कि भविष्य में 26/11 जैसे हमलों से बचने की जिम्मेदारी राष्ट्रों की है।

 

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