तीन आपराधिक मामलों में वांछित था ओम प्रकाश यादव: लखनऊ पुलिस ने दबोचा, चोरी और माल की खरीद-फरोख्त में लिप्त होने के प्रमाण !
लखनऊ -: लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की अपराध नियंत्रण रणनीति को बड़ी सफलता मिली है। गोमतीनगर विस्तार थाना पुलिस ने शुक्रवार को एक ऐसे शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है जो तीन गंभीर आपराधिक मामलों में लंबे समय से फरार चल रहा था। न्यायालय से जारी गैर-जमानती वारंट के तहत हुई इस गिरफ्तारी को पुलिस की सजगता और निगरानी तंत्र की सटीक कार्रवाई माना जा रहा है।गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान ओम प्रकाश यादव पुत्र स्व. रामसेवक यादव के रूप में हुई है, जो मूल रूप से जनपद बहराइच के थाना जमुनाहा क्षेत्र के गांव दोपैडिया का निवासी है। वर्तमान में वह लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र स्थित भरवारा क्रॉसिंग के पास सहारा अस्पताल के गेट नंबर 3 के सामने एक सोसाइटी में रह रहा था, जहां से उसे शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी पुलिस आयुक्त लखनऊ के आदेश और पुलिस उपायुक्त पूर्वी, अपर पुलिस उपायुक्त पूर्वी व सहायक पुलिस आयुक्त गोमतीनगर के पर्यवेक्षण में की गई। गोमतीनगर विस्तार थाना प्रभारी के नेतृत्व में गठित टीम ने सटीक सूचना और तकनीकी निगरानी के आधार पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया।पुलिस के मुताबिक, ओम प्रकाश यादव चोरी की वारदातों और चोरी के सामान की खरीद-फरोख्त से जुड़ी गतिविधियों में संलिप्त रहा है। उसके खिलाफ लखनऊ की अदालत (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-17) द्वारा तीन अलग-अलग मामलों में गैर-जमानती वारंट जारी किए गए थे। ये सभी मामले गोमतीनगर विस्तार थाने में दर्ज हैं।
इनमें वर्ष 2023 के अपराध संख्या 134, 21 और 115 शामिल हैं, जिनमें भारतीय दंड संहिता की धारा 380 (चोरी), 457 (रात में घर में घुसना), 411 (चोरी का सामान रखना) और 413 (चोरी का माल बार-बार खरीदना) जैसी गंभीर धाराएं लगी हैं। यह भी सामने आया है कि ओम प्रकाश केवल चोरी नहीं करता था, बल्कि चोरी का सामान खरीदने-बेचने वाले गैंग से भी उसका सीधा संबंध था।गिरफ्तारी अभियान में उप निरीक्षक देवानंद सिंह (बीट प्रभारी, छोटा भरवारा), उप निरीक्षक अभय कुमार सिंह (चौकी प्रभारी, खरगापुर), उप निरीक्षक शुभम अवस्थी, उप निरीक्षक श्रीकांत और उप निरीक्षक सत्यम गुप्ता ने सक्रिय भूमिका निभाई। टीम की तत्परता और समन्वित प्रयासों से यह गिरफ्तारी संभव हो सकी।पुलिस ने ओम
प्रकाश को अदालत में पेश कर आगे की वैधानिक कार्यवाही शुरू कर दी है। अब उससे पूछताछ कर यह जानने की कोशिश की जा रही है कि उसके साथ और कौन-कौन इस नेटवर्क में शामिल हैं और किन घटनाओं में उसकी संलिप्तता रही है। लखनऊ पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अपराधियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी और कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वालों के लिए शहर में कोई जगह नहीं होगी।