बिहार

नुरुद्दीन जंगी पीएफआई (PFI.) के लिए कोर्ट में लड़ता था केस

पटना. पटना पुलिस के इनपुट पर उत्तर प्रदेश एटीएस ने देश विरोधी गतिविधियों में शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े नुरुद्दीन जंगी को लखनऊ से गिरफ्तार किया है. पेशे से वकील नुरुद्दीन जंगी को शनिवार को लखनऊ में मवैया मेट्रो स्टेशन के पास से पकड़ा गया है. नुरुद्दीन बिहार के दरभंगा के उर्दू बाजार के शेर मोहम्मद गली का रहने वाला है. वो काफी समय से पीएफआई(PFI.)  से जुड़ा हुआ है. 11 जुलाई को पटना के फुलवारी शरीफ में दो संदिग्ध आतंकवादियों के पकड़े जाने, और पटना पुलिस के द्वारा इस मामले में 26 लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज करने के बाद यह बिहार छोड़कर फरार हो गया था.

केस में नामजदों की लिस्ट में 19वें नंबर पर नुरुद्दीन जंगी का नाम भी शामिल है इसलिए गिरफ्तारी के डर से वो अपना ठिकाना बदल कर बिहार से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भाग गया. यहां के चारबाग इलाके के पास एक मुसाफिरखाना में वो ठहरा हुआ था. उसके उपर प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी के पूर्व सदस्यों को जेल से छुड़वाने के लिए कानूनी मदद देने का आरोप है जो बाद में पीएफआई से भी जुड़े.

फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार के मुताबिक गिरफ्तार नुरुद्दीन जंगी पीएफआई का एक्टिव मेंबर है. वो उसकी हर मीटिंग में शामिल हुआ करता था, और हर ट्रेनिंग प्रोग्राम में जाया करता था.
वर्ष 2015 में सनाउल्लाह पीएफआई का दरभंगा जिला अध्यक्ष था. इस दरम्यान नुरुद्दीन जंगी उसके संपर्क में आया और फिर पीएफआई व एसडीपीआई से जुड़ गया. नुरुद्दीन जंगी SDPI के टिकट पर 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में दरभंगा से चुनाव लड़ चुका है जिसमें उसे लगभग 600 वोट मिले थे. उसने दरभंगा के सी.एम लॉ कॉलेज से वर्ष 2017 में LLB की डिग्री ली थी. वो सिमी के पूर्व सदस्यों को छुड़ाने के लिए बिहार से लेकर दिल्ली तक की अदालतों में कानूनी कार्रवाई के लिए वकालत कर चुका है.
यूपी एटीएस की मदद से पकड़ में आए नुरुद्दीन जंगी को लखनऊ से बिहार लाया जा रहा है. पटना पुलिस इससे यहां पूछताछ करेगी. पीएफआई टेरर मॉड्यूल केस में यह चौथी गिरफ्तारी है. इससे पहले पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ से अतहर परवेज, मो. जलालुद्दीन और अरमान मलिक को गिरफ्तार किया था.

 

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